शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट: पहली और दूसरी पत्नी के बीच बराबर बंटेगी पारिवारिक पेंशन, जानें पूरा मामला

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि मृतक कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन पहली और दूसरी पत्नी के बीच समान रूप से बांटी जा सकती है। यह फैसला दोनों पत्नियों के बीच हुए स्वैच्छिक समझौते के आधार पर दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की पीठ ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने माना कि दोनों पत्नियों ने मध्यस्थता के दौरान स्वेच्छा से पेंशन के बराबर बंटवारे पर सहमति जताई थी। उनके बयान किसी दबाव के बिना दर्ज किए गए थे।

पहले के आदेश को रद्द किया

खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को रद्द कर दिया। राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पेंशन संबंधी औपचारिकताएं चार सप्ताह में पूरी करे। यह मामला कमला देवी बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य एवं अन्य से संबंधित है।

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मृतक सोहन लाल पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक थे। उनका निधन साल 2023 में हुआ। सोहन लाल ने सबसे पहले साल 1970 में कमला देवी से शादी की थी। इस विवाह से एक बेटी का जन्म हुआ।

दूसरा विवाह और विवाद

बाद में दोनों पति-पत्नी अलग हो गए। सोहन लाल ने साल 1979 में गायत्री देवी से दूसरा विवाह किया। इस रिश्ते से चार संतानें हुईं। सेवा अभिलेखों में दूसरी पत्नी का नाम दर्ज होने के कारण पेंशन लाभ गायत्री देवी को मिल रहे थे।

इस पर पहली पत्नी कमला देवी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दावा किया कि वह कानूनी रूप से वैध पत्नी हैं और पेंशन पर उनका भी अधिकार है। जुलाई 2024 में एकल न्यायाधीश ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

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मध्यस्थता से सुलझा विवाद

कमला देवी ने इस आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील दायर की। अपील की सुनवाई के दौरान दोनों पत्नियों ने विवाद को सुलझाने की इच्छा जताई। उन्होंने रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष बयान दर्ज कराए।

दोनों ने पारिवारिक पेंशन के पचास-पचास प्रतिशत बंटवारे पर सहमति व्यक्त की। अदालत ने इस स्वैच्छिक समझौते को वैध और न्यायसंगत ठहराया। अदालत ने कहा कि ऐसे समझौते को लागू किया जाना चाहिए।

न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह पेंशन के रिकॉर्ड में आवश्यक संशोधन करे। संशोधन के बाद पेंशन की राशि दोनों पत्नियों के बीच समान रूप से वितरित की जाएगी। इससे एक लंबे विवाद का समाधान हो गया है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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