Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के कई जिला मुख्यालयों में अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों की अनुपस्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। विशेष रूप से हमीरपुर जिले की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है जहां कचरा 60 किलोमीटर दूर ऊना ले जाया जा रहा है।
हमीरपुर में संयंत्र न होने पर सवाल
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की पीठ ने सुनवाई के दौरान इस मामले को उठाया। अदालत को बताया गया कि हमीरपुर जिला मुख्यालय में कोई अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र नहीं है। कोर्ट ने शहरी विकास विभाग के सचिव से हलफनामा दायर करने को कहा।
नादौन में जमीन आवंटन का विवाद
याचिका में नादौन तहसील के कोहला गांव में एक भूमि विवाद का जिक्र है। 1917-80 वर्ग मीटर भूमि को अपशिष्ट संयंत्र के लिए आवंटित किया गया था। यह आवंटन पांच जनवरी 2019 को किया गया था। याचिकाकर्ता का आवास इस स्थल से मात्र 60 मीटर की दूरी पर स्थित है।
प्रदूषण और दुर्गंध की शिकायत
याचिकाकर्ता ने कचरे के कुप्रबंधन और दुर्गंध की शिकायत की है। तस्वीरों में कचरे के बड़े ढेर और उसमें मवेशियों को घूमते दिखाया गया है। आसपास के कुओं के प्रदूषित होने का खतरा भी बताया गया है। इससे स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
निरीक्षण और रिपोर्ट के आदेश
अदालत ने हमीरपुर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को निरीक्षण का निर्देश दिया। निरीक्षण दल में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जलशक्ति विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। टीम विवादित स्थल का जायजा लेगी और अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी।
