शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: हाईकोर्ट ने निर्माण परियोजनाओं के लिए उचित डंपिंग साइट्स की पहचान का दिया निर्देश

Share

Himachal News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में भविष्य की निर्माण परियोजनाओं के लिए उचित डंपिंग साइट्स की पहचान करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि डंपिंग साइट्स का चयन करते समय पर्याप्त सावधानी बरती जानी चाहिए। मलबा निजी भूमि, नालों, जल निकायों और वन क्षेत्रों में न गिरे।

अदालत ने जारी किए सख्त निर्देश

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावलिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने निजी ठेकेदारों को इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा। अदालत ने कहा कि बिना सोचे-समझे डंप किया गया मलबा फिसलने की प्रवृत्ति रखता है। यह निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए आपदा का कारण बन सकता है।

यह भी पढ़ें:  ड्रग्स तस्करी: हिमाचल के सुंदरनगर में 87 ग्राम चरस के साथ उत्तर प्रदेश के तीन युवक गिरफ्तार

चंबा के मामले में उठे सवाल

यह मामला जिला चंबा के गांव मोटला में मलबे को हटाने को लेकर दायर याचिका से उपजा। याचिकाकर्ता संजीवन सिंह ने मोटला से सुखीयार तक 9 किलोमीटर लंबी लिंक रोड के निर्माण के दौरान अनुचित तरीके से मलबा डंप करने का मुद्दा उठाया था। अदालत ने इसकी जांच के आदेश दिए।

पांच डंपिंग साइट्स मिली गलत

न्यायालय ने पाया कि पांच नामित डंपिंग साइट्स नालों के जलग्रहण क्षेत्रों में स्थित थीं। इससे वे अवरुद्ध हो गए थे। ठेकेदार पर लगाए गए नाममात्र के जुर्माने को अदालत ने अपर्याप्त पाया। अदालत ने बाद में 11,39,310 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: पंचायत चुनाव में पहली बार बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता कर सकेंगे घर बैठे वोट

जंगल की जमीन साफ करने का खर्च

अदालत ने पाया कि जंगल की जमीन से मलबा हटाने की लागत 64 लाख रुपये थी। एक अतिरिक्त 9,12,630 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के सचिव को साइट का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। एसडीएम से हलफनामा मांगा गया।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News