Shimla News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला जिले के कुपवी क्षेत्र में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण में लगातार हो रही देरी पर ठेकेदार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने परियोजना को अगले दो महीनों में पूरा करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने चेतावनी दी है कि समय सीमा का पालन न होने पर अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा।
पांच साल से अधिक समय से अधूरा है निर्माण कार्य
मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की पीठ ने यह आदेश दिया। अदालत को बताया गया कि यह अनुबंध फरवरी 2018 में दिया गया था। इसका काम फरवरी 2020 तक पूरा होना था। लेकिन पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।
ठेकेदार पर जुर्माना लगा चुका है राज्य
राज्य सरकार ने अदालत को दस्तावेज प्रस्तुत किए। इनके अनुसार, अनुबंध के नियमों के तहत ठेकेदार पर पहले ही 18 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है। राज्य ने सुझाव दिया है कि काम पूरा न होने पर अनुबंध समाप्त कर दिया जाए। ठेकेदार की सुरक्षा जमा राशि भी जब्त की जा सकती है।
कोविड-19 का बहाना खारिज किया
ठेकेदार के वकील ने निर्माण में देरी का कारण कोविड-19 महामारी को बताया। लेकिन अदालत ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया। पीठ ने कहा कि महामारी के प्रतिबंधों को हुए साढ़े तीन साल से अधिक समय बीत चुका है। इसलिए अब इस देरी का यह बहाना मान्य नहीं है।
स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजार
अदालत ने स्थानीय लोगों की कठिनाइयों की ओर ध्यान आकर्षित किया। न्यायालय ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र के अधूरे रहने से कुपवी के लोग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें बुनियादी चिकित्सा सुविधाओं के लिए दूर जाना पड़ता है। इससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।
राज्य को स्टाफ की व्यवस्था करने के निर्देश
अदालत ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिए हैं। राज्य को क्षेत्र में लोगों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
दो महीने की अंतिम समय सीमा तय
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ठेकेदार को दो महीने की अंतिम समय सीमा दी है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि इस अवधि में काम पूरा नहीं हुआ तो अनुबंध समाप्त कर दिया जाएगा। परियोजना को पूरा करने के लिए एक नए ठेकेदार की नियुक्ति की जाएगी।
