Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले में अर्की के कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के उस आवेदन पर सुनवाई की जिसमें अवस्थी के खिलाफ भ्रष्टाचार व धोखाधड़ी के मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी गई थी।
अदालत ने राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। सरकार ने अदालत से मामले से जुड़े आरोपों को रिकॉर्ड पर रखने के लिए अधिक समय मांगा था। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर तक के लिए टाल दी है।
विधायक संजय अवस्थी ने भी अपने खिलाफ दर्ज इस मामले को खारिज करने के लिए एकल पीठ के समक्ष याचिका दायर की है। उनकी याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मामला वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अदालत ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है।
इस बीच सरकार ने खंडपीठ के सामने आवेदन दाखिल कर मुकदमा वापस लेने की औपचारिक अनुमति मांगी है। 21 अप्रैल 2022 को सोलन की एक विशेष अदालत ने इस मामले में अवस्थी के खिलाफ आरोप तय किए थे।
विशेष अदालत ने कहा था कि अवस्थी के खिलाफ प्रथम दृष्टया बीएनएस की धारा 467, 468 और 120-बी के तहत मामला बनता है। अदालत ने यह भी कहा था कि अवस्थी उस समय सोलन नगर पालिका का पार्षद था। इस नाते भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी उसके खिलाफ मामला बनता है।
मामले में अवस्थी पर आरोप है कि उन्होंने पार्षद रहते हुए एक क्रिकेट खिलाड़ी को झूठा हिमाचली प्रमाणपत्र जारी किया था। आरोपों के मुताबिक उन्होंने हरियाणा निवासी विक्रमजीत सिंह मलिक को हिमाचली होने का गलत प्रमाणपत्र दिया था।
इस प्रमाणपत्र की बदौलत विक्रमजीत सिंह मलिक बोनाफाइड हिमाचली प्रमाणपत्र पाने में सफल हो गया था। वहीं संजय अवस्थी का कहना है कि पार्षद ऐसा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए पात्र नहीं होता।
अवस्थी ने दलील दी थी कि तत्कालीन तहसीलदार को प्रमाणपत्र जारी करने से पहले सभी तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी। यह मामला फिलहाल सोलन की विशेष अदालत में लंबित है। अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।
