Himachal News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हमीरपुर से मंडी खंडों के बीच राजमार्ग चौड़ीकरण कार्य में अवैज्ञानिक तरीका अपनाए जाने पर संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है। दो जनहित याचिकाओं के माध्यम से यह मामला कोर्ट के समक्ष लाया गया था।
याचिकाओं में बताया गया कि यह परियोजना पहाड़ी इलाके से गुजर रही है। मौजूदा सड़क 124 किलोमीटर लंबी है और इसकी चौड़ाई 109.592 किलोमीटर बताई गई है। परियोजना के लिए 104 किलोमीटर लंबाई के लिए भूमि अधिग्रहण प्रस्तावित है। पांच किलोमीटर लंबाई के लिए केवल मरम्मत कार्य प्रस्तावित है।
97 गांवों से गुजरता है राजमार्ग
यह राजमार्ग छह तहसीलों और 97 गांवों से होकर गुजरता है। प्रभावित तहसीलों में हमीरपुर, भोरंज, सरकाघाट, धर्मपुर, कोटली और मंडी शामिल हैं। याचिकाओं में आरोप लगाया गया कि ठेकेदारों द्वारा अवैज्ञानिक तरीके अपनाए जा रहे हैं। इसके चलते भूस्खलन, मलबा गिरने और पत्थर गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं।
निर्माण सामग्री नालों में गिर रही है जिससे पानी का प्राकृतिक प्रवाह अवरुद्ध हो रहा है। इससे क्षेत्र के कई निवासियों के घरों और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। याचिकाकर्ताओं ने इन दावों के समर्थन में विभिन्न तस्वीरें भी कोर्ट में पेश की हैं।
शिमला-ठियोग हाईवे की दयनीय स्थिति
प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला से ठियोग तक राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय स्थिति पर भी संज्ञान लिया है। अदालत ने संबंधित अधिकारी की उदासीनता पर गंभीर चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश भारद्वाज ने अधीक्षण अभियंता रतन कुमार शर्मा द्वारा दायर हलफनामे को लापरवाहीपूर्ण बताया।
कोर्ट ने अधिकारी को न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं। अदालत ने हलफनामे में तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। इसमें रिकॉर्ड के विपरीत तस्वीर पेश करने का प्रयास किया गया था।
हलफनामे में गलत तथ्य
न्यायालय ने कहा कि हलफनामे में यह दिखाने का प्रयास किया गया कि वर्षा के कारण राजमार्ग की मरम्मत नहीं हो सकी। हलफनामे में वर्ष 2023 से 2025 के बीच हिमपात का उल्लेख भी रिकॉर्ड के विरुद्ध पाया गया। अदालत ने बताया कि दिसंबर 2024 में हिमपात न्यूनतम था।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि स्पष्ट है कि अधिकारी ने कभी संबंधित सड़क का दौरा नहीं किया। इसकी दयनीय स्थिति से आम जनता को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह सड़क हिमाचल के आंतरिक भाग की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों में से एक है।
महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग
यह राजमार्ग रामपुर और किन्नौर जिले को जोड़ता है और आगे पुराने तिब्बत तक जाता है। अदालत ने कहा कि इस सड़क को दिए जा रहे महत्व का अभाव हलफनामे से स्पष्ट है। कोर्ट ने इस आदेश की एक प्रति मुख्य सचिव को भेजने के निर्देश दिए हैं।
न्यायालय ने अधिकारी से पूछा है कि उन पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। अदालत ने हलफनामे को रिकॉर्ड के विरुद्ध और भ्रामक पाया है। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।
