Shimla News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग 105 परियोजना में हुई देरी पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने दोनों पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने एनएचएआई और राज्य सरकार से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी।
अदालत की मांग
न्यायालय ने एनएचएआई को विस्तृत जानकारी प्रदान करने का आदेश दिया है। प्राधिकरण को बताना होगा कि परियोजना कब शुरू हुई और कितने ठेकेदार लगाए गए। काम की वर्तमान स्थिति और देरी के कारणों की जानकारी देनी होगी।
अदालत ने आवंटित राशि और ठेके के कुल मूल्य की जानकारी मांगी है। परियोजना के पूरा होने की अनुमानित तारीख भी बतानी होगी। यह सभी जानकारी विस्तारपूर्वक अदालत को प्रदान करनी होगी।
परियोजना का विवरण
राष्ट्रीय राजमार्ग 105 की माजरीहट्टा से नालागढ़ चौक तक फोरलेन और चौड़ीकरण परियोजना चल रही है। इस परियोजना में हुई देरी ने न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया है। अदालत ने स्वत: ही इस मामले में हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया।
न्यायालय का यह कदम परियोजना की प्रगति में तेजी ला सकता है। इससे स्थानीय निवासियों और यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है। सड़क सुविधाओं के विकास से क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
