शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: कांगड़ा में भारी बारिश से तबाही, इंदौरा में 100 घरों में घुसा पानी; 13 लोग किए रेस्क्यू

Share

Himachal Pradesh News: कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। इंदौरा पंचायत के वार्ड नंबर 2 और 3 में लगभग 100 घरों और 120 दुकानों में 5 फीट तक पानी भर गया। बाढ़ के पानी से 6 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए जबकि 10 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। एनडीआरएफ टीम ने 4 लोगों को सुरक्षित निकाला।

यातायात और बिजली व्यवस्था प्रभावित

भारी बारिश के कारण इंदौरा-बडूखर, इंदौरा-गंगथ और इंदौरा-रैहन मार्ग 2-3 घंटे के लिए बंद रहे। लगभग 40 गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित हुई। पेड़ गिरने और भूस्खलन के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई। प्रशासन ने सुग-भटोली में 9 लोगों और मधुमक्खियों के डिब्बों को रेस्क्यू किया।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: सूचना आयोग में खाली पदों पर भर्ती शुरू, 27 दिसंबर तक मांगे आवेदन

वाहन बह गए, दुकानों के शटर फटे

बाढ़ के पानी में 7 चौपहिया और 15 दोपहिया वाहन बह गए। पानी के तेज बहाव ने कई दुकानों के शटर तक फाड़ दिए। घरों में फर्नीचर, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसी कीमती वस्तुएं तैरती नजर आईं। लोगों का रोजमर्रा का सामान और राशन पूरी तरह खराब हो गया।

विधायक ने लिया स्थिति का जायजा

विधायक मलेंद्र राजन तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। विधायक ने पीड़ितों को ढांढस बंधाया और राहत कार्यों के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ितों को उचित मुआवजा देगी। नुकसान का आकलन जारी है।

प्रशासन ने किया राहत शिविर स्थापित

प्रशासन ने इंदौरा के सराय भवन में 300 लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की है। एसडीएम डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी हैं। संजवां गांव में एक कच्चा मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गया। प्रभावित परिवार को महिला मंडल भवन में आश्रय दिया गया।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल न्यूज: विधायक का व्हाट्सएप अकाउंट हुआ हैक, पुलिस कर रही मामले की जांच; जानें क्या बोले हंसराज

अनियोजित निर्माण बना मुख्य कारण

स्थानीय लोगों के अनुसार अंधाधुंध निर्माण से वर्षा के पानी का प्राकृतिक रास्ता बंद हो गया था। पानी रुककर तालाब बन गया और अचानक दबाव बनने पर दीवारें टूट गईं। इससे अचानक इतनी तेज गति से पानी आया कि लोगों के पास सामान बचाने का समय नहीं मिला। लोगों को छतों पर शरण लेनी पड़ी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News