Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी वर्षा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। धर्मशाला में इस वर्ष 1955 के बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन और जलभराव के कारण सड़क यातायात बाधित हुआ है। नागरिकों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और 565 स्थानीय सड़कें बंद हो गई हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने जनता से यात्रा करते समय सतर्क रहने की अपील की है।
कांगड़ा में दुर्घटना
कांगड़ा जिले में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक मकान गिर गया। इस दुर्घटना में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई। सुजानपुर में नाले में मलबा घुसने के कारण एक घर क्षतिग्रस्त हो गया। प्रभावित परिवारों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
प्रशासन प्रभावितों के लिए अस्थायी आवास और सहायता प्रदान कर रहा है। मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। अधिकारियों ने अगले 24-48 घंटों में बारिश जारी रहने की संभावना जताई है।
राज्य सरकार की तैयारियां
राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन टीमों और राहत सामग्री की तैनाती कर दी है। पुलिस, अग्निशमन विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। ये टीमें प्रभावित परिवारों की मदद कर रही हैं। भूस्खलन से बाधित मार्गों को जल्द से जल्द खोलने का प्रयास जारी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि धर्मशाला और आसपास के क्षेत्रों में यह वर्षा रिकॉर्ड स्तर की रही। कई क्षेत्रों में बिजली और संचार सेवाओं में भी बाधा आई है। प्रशासन और विद्युत विभाग ने आपात सेवाएं सक्रिय कर दी हैं।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग अनावश्यक यात्रा न करें। नदी, नाले और कमजोर ढलानों के पास रहना खतरनाक हो सकता है। सभी नागरिकों को अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
