Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के श्रीखंड महादेव क्षेत्र में बुधवार शाम को बादल फटने से भारी तबाही हुई। उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में नालों का रौद्र रूप देखने को मिला, जिससे फलाचन नदी में अचानक बाढ़ आ गई। इस घटना में गाड़ियां, पुल, पुलिया और टूरिस्ट कॉटेज बह गए, जबकि सेब के बागानों को भी भारी नुकसान हुआ।
बठाहाड़ और गुणैनी क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान
जानकारी के मुताबिक, बादल फटने का सबसे ज्यादा असर बठाहाड़ और गुणैनी क्षेत्र में देखने को मिला। टीला पुल से लेकर बठाहाड़ तक कई मकान, दुकानें और ट्राउट मछली फार्म बर्बाद हो गए। लोगों के घरों और दुकानों में मलबा भर गया, जबकि नदी में बड़े-बड़े पेड़ भी बह गए। सौभाग्य से इस घटना में किसी की जान नहीं गई।
सड़कें बंद, यातायात प्रभावित
इस घटना के बाद गुशैनी से बठाहाड़ तक मुख्य सड़क पर कई जगह भूस्खलन हो गया, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाए, ताकि सेब की फसल को मंडी तक पहुंचाया जा सके। इसके अलावा, घाटी के कई इलाकों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है।
पंचायत मशियार के चार गांवों का संपर्क कटा
बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित पंचायत मशियार के चार गांव कमेडा, मझली, मशयार और थानेगाड़ पूरी तरह से दुनिया से कट गए हैं। फलाचन नदी पर बने सभी पुल और पैदल पुलियां बह चुके हैं। ग्राम पंचायत मशियार की प्रधान शांता देवी ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह जिला कलेक्टर और एपीएमसी अध्यक्ष से मिलकर नुकसान का आकलन करवाएंगी।
प्रशासन ने शुरू किया राहत कार्य
बंजार विधानसभा के विधायक सुरेंद शौरी ने तीर्थन घाटी का दौरा कर प्रभावितों से बात की। उपमंडल अधिकारी बंजार पंकज शर्मा ने भी नुकसान का जायजा लिया है। वहीं, कुल्लू के डीसी तारुल एस रवीष ने बताया कि तीर्थन में दो जगह बादल फटने की सूचना मिली है और राहत कार्य तेजी से चल रहा है। प्रशासन ने बुधवार को बंजार के स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया था।
