Shimla News: हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल के बेटे संजय शांडिल ने सोशल मीडिया पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। संजय ने अपने फेसबुक पोस्ट में इन अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। संजय को हाल ही में मंत्री ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था।
संजय शांडिल ने अपने पोस्ट में कहा कि उनके पिता राज्य के सबसे ईमानदार नेता हैं। उन्होंने मंत्री को हिमाचल की आन, बान और शान बताया। संजय ने विभाग में काम कर रहे भ्रष्ट और निकम्मे अधिकारियों को हटाने की मांग रखी। हालांकि उन्होंने किसी विशेष अधिकारी का नाम नहीं लिया। उनके इस कदम ने राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
दिव्यांगों के शोषण का आरोप
संजय शांडिल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी दिव्यांग व्यक्तियों का भी शोषण कर रहे हैं। उन्होंने इन भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों के तत्काल निलंबन की मांग की। संजय ने कहा कि ऐसे अधिकारी विभाग में बने रहने के लायक नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए।
संजय शांडिल एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं। उन्हें हाल ही में मंत्री शांडिल ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था। उनके इस पोस्ट ने सरकार और विभाग में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। अब देखना यह है कि मंत्री इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।
यह पहला मामला नहीं
यह पहली बार नहीं है जब किसी मंत्री के परिवार के सदस्य ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए हैं। इससे पहले जून महीने में कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती ने भी विवाद खड़ा किया था। नीरज ने फेसबुक पर अपने विधानसभा क्षेत्र जवाली में तबादलों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने अपने पिता और सरकार का सार्वजनिक रूप से विरोध करने की चेतावनी दी थी।
इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि मंत्रियों के परिवार के सदस्य सार्वजनिक मंचों से अपनी बात रख रहे हैं। संजय शांडिल के मामले में स्थिति और गंभीर है क्योंकि उन्होंने सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है।
राजनीतिक उत्तराधिकारी की भूमिका
संजय शांडिल के पोस्ट ने राजनीतिक उत्तराधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। एक राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर उनका यह कदम असामान्य माना जा रहा है। उन्होंने सीधे तौर पर विभागीय अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। इससे प्रशासनिक व्यवस्था में तनाव पैदा हो सकता है।
संजय ने अपने पोस्ट में हिमाचल के निवासियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह विभाग में सुधार चाहते हैं। उनका कहना था कि भ्रष्ट अधिकारी विभाग की छवि खराब कर रहे हैं। इस पोस्ट के बाद अब स्वास्थ्य विभाग में क्या कार्रवाई होती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
सरकार पर दबाव
संजय शांडिल के आरोपों ने राज्य सरकार के लिए एक नई चुनौती पैदा कर दी है। अब सरकार के सामने यह सवाल है कि वह इस मामले में क्या रुख अपनाएगी। क्या वह विभाग में जांच शुरू करेगी या फिर मामले को नजरअंदाज करेगी। स्वास्थ्य मंत्री अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाए हैं।
यह मामला सरकार के भीतर ही आंतरिक मतभेदों को उजागर करता है। संजय के पोस्ट ने सरकार को एक कठिन स्थिति में डाल दिया है। अब मंत्री को यह तय करना होगा कि वह अपने बेटे के बयान का समर्थन करें या फिर विभागीय अधिकारियों का। इस मामले ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है।
