Shimla News: हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा स्थगित कर दी है। यह यात्रा नौ सदस्यीय अधिकारियों के दल के साथ लंदन और फ्रांस की होनी थी। इस निर्णय के पीछे प्रतिनिधिमंडल में मंत्री के बेटे को शामिल किए जाने को लेकर उठे विवाद को माना जा रहा है। मंत्री ने राज्य में भारी बारिश से हुई तबाही को यात्रा स्थगित करने का कारण बताया है।
यह यात्रा दो अक्टूबर से ग्यारह अक्टूबर तक की थी। इसका उद्देश्य विदेशों के स्वास्थ्य मॉडल, चिकित्सा उपलब्धियों और नीतिगत ढांचे का अध्ययन करना था। स्वास्थ्य सचिव के पत्र के अनुसार डॉ. शांडिल के बेटे डॉ. संजय शांडिल को भी मंत्री के सहयोगी के रूप में इस दल में शामिल किया गया था। इसी बात पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
विपक्ष ने उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस यात्रा पर सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा से जूझ रहा है। बुनियादी सुविधाएं अभी ठीक नहीं हुई हैं। ऐसे में सरकारी खर्च पर परिवार के साथ विदेश यात्रा की योजना बनाना उचित नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने इसे सार्वजनिक धन की बर्बादी बताया।
मंत्री शांडिल ने दावा किया कि उनके बेटे और बहू अपने निजी खर्च पर यात्रा करने वाले थे। उन्होंने कहा कि बेटे का साथ होना स्वास्थ्य कारणों से जरूरी था। शांडिल ने यह भी कहा कि यह यात्रा स्थगित की गई है, रद्द नहीं। वह अगले छह महीनों में इस यात्रा पर जा सकते हैं।
अधिकारी से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण
आधिकारिक पत्र में बेटे को सहयोगी बताए जाने पर मंत्री ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पत्र का ड्राफ्ट तैयार करने वाले अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। शांडिल ने मीडिया से कहा कि उन्हें सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। विदेश यात्रा के उद्देश्य को उन्होंने पूरी तरह से शैक्षिक और जनहित से जोड़ा।
प्रतिनिधिमंडल में विधायक संजय रतन और कैप्टन रणजीत राणा भी शामिल थे। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. गोपाल बेरी भी दल का हिस्सा थे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मेडिकल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस यात्रा में जाने वाले थे।
मंत्री ने बीजेपी पर लगाए आरोप
डॉ. शांडिल ने बीजेपी पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में कई सुधार किए हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज और चमियाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी शुरू की गई है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के शासनकाल में अस्पतालों में डॉक्टरों और सुविधाओं की कमी थी।
मंत्री ने बताया कि उनके कार्यकाल में दो सौ डॉक्टरों की भर्ती की गई है। दो सौ और नियुक्तियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी पैरामेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और विशेषज्ञ नियुक्त हो जाएंगे। शांडिल ने कहा कि विपक्ष को सरकार के काम की सराहना करनी चाहिए।
इस पूरे मामले ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। सरकार और विपक्ष के बीच तीखे तर्क-वितर्क हुए हैं। यात्रा के स्थगन के बाद अब देखना है कि यह मामला आगे कैसे विकसित होता है। फिलहाल मंत्री ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
