Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के लिए व्यापक योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष जोर दिया है। ग्राम वन प्रबंधन समितियों को वन विभाग के साथ मिलकर काम करने का अधिकार दिया गया है।
प्रदेश सरकार वन मित्रों की नियुक्ति कर रही है ताकि वनों की बेहतर सुरक्षा हो सके। मुख्यमंत्री ने युवाओं से वन संरक्षण आंदोलन में सक्रिय भाग लेने का आह्वान किया है। विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
हरित ऊर्जा परियोजनाएं
सोलन जिले के दभोटा में उत्तर भारत के पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की आधारशिला रखी गई है। 325 मेगावाट की सौर परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य चल रहे हैं। सात सौर परियोजनाएं कंपनियों को आबंटित की गई हैं जिनकी कुल क्षमता 72 मेगावाट है।
राज्य में 200 हरित पंचायतें विकसित की जा रही हैं। इनमें 200 किलोवाट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। हरित गलियारों का निर्माण, ई-वाहनों का उपयोग और ग्रीन स्कूल कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
प्लास्टिक मुक्ति अभियान
मुख्यमंत्री ने 60 हजार स्कूली छात्रों को स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें वितरित करने की घोषणा की है। इससे प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग में कमी आएगी। प्लास्टिक उपयोग के नियमों को सख्त बनाया गया है।
गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए सीमेंट संयंत्रों के साथ समझौते किए गए हैं। प्लास्टिक चैलेंजिंग मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है जिससे 13 विभागों के अधिकारी सीधे चालान जारी कर सकेंगे।
वन संरक्षण के प्रयास
राज्य को कैंपा योजना के तहत 143.35 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। इस राशि का उपयोग वनरोपण के लिए किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
ईको-विलेज के विकास में सहयोग के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। वन विभाग और ग्राम समितियों के बीच समन्वय बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए संयुक्त प्रयास किए जा रहे हैं।
