शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: गोविंद सागर झील बन रही साहसिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र, बंदला में की जा रही पैराग्लाइडिंग

Share

Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला अब साहसिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। गोविंद सागर झील में शुरू की गई जलक्रीड़ा गतिविधियों और बंदलाधार से होने वाली पैराग्लाइडिंग ने पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में शुरू की गई इन पहलों से क्षेत्र में पर्यटन को नया आयाम मिला है। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं।

गोविंद सागर झील बिलासपुर के प्राकृतिक सौंदर्य की धुरी है। भाखड़ा बांध निर्माण से बनी इस झील का नीला पानी हर किसी को लुभाता है। बडोलधार और बंदलाधार के बीच फैली यह झील कश्मीर की डल झील की याद दिलाती है। प्रदेश सरकार ने इसकी संभावनाओं को पहचानते हुए साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसका सीधा लाभ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिल रहा है।

जिला प्रशासन ने पर्यटन, खेल, व्यापार एवं रोजगार सृजन सोसायटी का गठन किया है। इसके माध्यम से झील में कई रोमांचक जलक्रीड़ा गतिविधियां शुरू की गई हैं। पर्यटक अब स्पीड बोट, क्रूज राइड, वाटर स्कूटर और बनाना राइड का आनंद ले सकते हैं। कश्मीर जैसा अनुभव देने के लिए शिकारा राइड की सुविधा भी उपलब्ध है। ये सभी सेवाएं मंडी भराड़ी फोरलेन पुल के पास संचालित हो रही हैं।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: मनाली की तिब्बत कॉलोनी में भूस्खलन से हुई भारी तबाही, जानें क्या बताया जा रहा कारण

जलक्रीड़ा को और बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन जल्द ही तीन दिवसीय वॉटर स्पोर्ट्स महोत्सव आयोजित करेगा। इस महोत्सव में ड्रैगन बोट रेस, कायकिंग और कैनोइंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन स्थानीय और बाहरी एथलीटों को एक मंच प्रदान करेगा। गोविंद सागर झील चंडीगढ़-कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क पर स्थित है। इसकी सुलभ पहुंच पर्यटकों के लिए एक बड़ा लाभ है।

बंदलाधार से पैराग्लाइडिंग का रोमांच

बिलासपुर में साहसिक पर्यटन का दूसरा आयाम पैराग्लाइडिंग है। जिले के प्रसिद्ध बंदलाधार स्थल से पैराग्लाइडिंग की जाती है। यह साइट उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ पैराग्लाइडिंग साइट्स में शुमार है। यहां से उड़ान भरने पर पर्यटकों को गोविंद सागर झील का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। इस अनुभव ने बिलासपुर को एडवेंचर टूरिज्म के मानचित्र पर एक विशेष स्थान दिलाया है।

मार्च 2025 में बंदलाधार में अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग फिएस्टा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में छह देशों के पैराग्लाइडरों सहित 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस सफल आयोजन ने क्षेत्र की वैश्विक पहचान को मजबूत किया है। पर्यटन विभाग के सहयोग से यह गतिविधि निरंतर जारी है। इससे स्थानीय स्तर पर गाइड और सहायक कर्मचारियों के लिए रोजगार सृजित हुआ है।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: बाइक सवारों पर पुलिस का बड़ा एक्शन, 30 हजार रुपये का चालान

गोविंद सागर झील को एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए भी उत्तरी भारत का सबसे उपयुक्त स्थान माना जाता है। सरकार के प्रयासों से बिलासपुर जलक्रीड़ा, पैराग्लाइडिंग और एयरो स्पोर्ट्स के लिए एक उत्कृष्ट गंतव्य बन गया है। भविष्य में झील में आइलैंड टूरिज्म की अवधारणा पर भी काम किया जाएगा। इससे पर्यटकों को अंडमान-निकोबार की तरह द्वीपों की सैर का मौका मिलेगा।

उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन बिलासपुर को एडवेंचर स्पोर्ट्स का प्रमुख हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वॉटर स्पोर्ट्स और एयरो स्पोर्ट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इन गतिविधियों से न केवल पर्यटन को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। प्रशासन पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रख रहा है।

हिमाचल प्रदेश सरकार की इन पहलों ने बिलासपुर के विकास को नई दिशा दी है। परिवहन, आतिथ्य और सेवा क्षेत्रों में युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं। पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाने के प्रयास सफल होते दिख रहे हैं। साहसिक गतिविधियों में निवेश ने क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। आने वाले समय में और भी नई गतिविधियां शुरू की जाएंगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News