Himachal Pradesh News: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर कानून-व्यवस्था और पंचायत चुनावों में देरी को लेकर सख्त टिप्पणी की है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर गहरी चिंता जताई और सरकार से स्थिति सुधारने की मांग की। राज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि पंचायत चुनाव समय पर होने चाहिए और इस मामले में सरकार व चुनाव आयोग को मिलकर निर्णय लेना चाहिए।
राज्यपाल शुक्ल ने ऊना और सोलन में हुए गोलीकांड तथा कुछ अन्य हत्याओं के मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और सरकार को इसकी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए। उनका मानना है कि कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति चिंताजनक है और सरकार को प्राथमिकता के आधार पर इस पर ध्यान देना चाहिए।
पंचायत चुनावों में हो रही देरी पर राज्यपाल ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त अनिल खाची ने उन्हें बंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी है। शुक्ल ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ मंत्री चुनाव चाहते हैं तो दूसरी तरफ अधिकारी इसे असंभव बता रहे हैं।
सरकार और चुनाव आयोग में मतभेद
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव दिसंबर में होने थे। सुक्खू सरकार ने इन चुनावों को आयोजित करवाने में असमर्थता जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू है। उनके मुताबिक जब तक सड़कों की बहाली नहीं हो जाती, तब तक चुनाव संभव नहीं हैं।
चुनावों का कार्यकाल खत्म होने में मात्र ढाई महीने का समय बचा है। अब तक चुनाव रोस्टर भी जारी नहीं हुआ है। इस स्थिति में चुनावों के समय पर होने को लेकर गंभीर संशय पैदा हो गया है। विपक्षी दल सरकार पर जानबूझकर चुनाव टालने का आरोप लगा रहे हैं।
राज्यपाल ने उठाया अहम सवाल
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सरकार में मंत्री बड़े हैं या अधिकारी? यह सवाल उन्होंने इसलिए उठाया क्योंकि मंत्री चुनाव चाहते हैं जबकि अधिकारी इसे असंभव बता रहे हैं। सात जिलों के डीसी ने चुनाव करवाने को फिलहाल संभव नहीं बताया है।
राज्यपाल के समक्ष यह मामला तब और गंभीर हो गया जब राज्य निर्वाचन आयुक्त ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान आयुक्त ने एक गोपनीय रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी। इस रिपोर्ट के बारे में अभी कोई सार्वजनिक बयान नहीं आया है।
कानून-व्यवस्था पर बढ़ते सवाल
हिमाचल प्रदेश में हाल के दिनों में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। ऊना और सोलन में गोलीकांड की घटनाओं ने प्रशासन की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ अन्य हत्याओं के मामले भी सामने आए हैं जिन्होंने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
राज्यपाल का मानना है कि देवभूमि कहलाने वाले इस प्रदेश की शांति और सद्भावना बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। इस मामले में सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
