शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: भूकंप के खतरे पर सरकार का बड़ा फैसला, अब बदल जाएंगे मकान बनाने के नियम

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में अब भवन निर्माण के नियम पूरी तरह बदलने वाले हैं। भूकंप के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने स्पष्ट किया कि बीआईएस (BIS) के नए मानक लागू होते ही निर्माण की परिभाषा बदल जाएगी। सरकार अब पुराने नियमों को मान्य नहीं मानेगी। राज्य में आपदा से निपटने के लिए एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।

जोन-6 में शामिल हुआ हिमालयी क्षेत्र

ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) ने हिमाचल प्रदेश के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। नए भूकंपीय मानचित्र में पूरे हिमालयी क्षेत्र को जोन-6 में शामिल किया गया है। यह भूकंप का सबसे उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस जोन में भूकंप की तीव्रता बहुत अधिक हो सकती है। यहां भूस्खलन और जमीन में दरारें पड़ने का खतरा भी सबसे ज्यादा रहता है।

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सरकारी भवनों का होगा सेफ्टी ऑडिट

मंत्री धर्माणी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी भवनों की तुरंत रिमैपिंग अनिवार्य कर दी गई है। जिन इमारतों को ‘हाई रिस्क’ माना जाएगा, उनका स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट करवाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य किसी भी बड़े प्राकृतिक खतरे से पहले ढांचागत सुरक्षा को मजबूत करना है। कमजोर संरचनाएं बड़े हादसों का कारण बन सकती हैं, इसलिए अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।

निजी भवनों पर भी लागू होंगे नियम

सरकार केवल सरकारी इमारतों तक ही सीमित नहीं रहेगी। जल्द ही निजी मकानों के लिए भी नए और सख्त मानक लागू किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश में मौजूद पुराने स्कूल, अस्पताल और प्रशासनिक भवन भी खतरे के दायरे में हैं। इन्हें आधुनिक मानकों के अनुसार मजबूत किया जाएगा। सरकार ने अब सुरक्षित निर्माण मॉडल और भू-तकनीकी अध्ययन को अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा है।

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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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