Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों से हायर ग्रेड पे वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी। इस कदम से प्रदेश भर के कर्मचारी नाराज हो गए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस कार्रवाई से खफा हैं। उन्होंने बिना उन्हें विश्वास में लिए अधिसूचना जारी करने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने तत्काल अधिसूचना को स्थगित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के अधिकारियों से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट जल्द सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीएम ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे अधिकारियों को नहीं बख्शा जाएगा।
योजना केवल भविष्य में भर्ती होने वाले नए कर्मचारियों पर लागू होनी थी। पर वित्त विभाग ने मौजूदा 89 श्रेणियों के कर्मचारियों से लाभ वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी। इस गलत फहमी के कारण कर्मचारियों में रोष फैल गया।
मुख्यमंत्री को स्वयं हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वर्तमान में लाभ पाने वाले कर्मचारियों को उच्च वेतनमान मिलता रहेगा। उनके आदेश पर हायर ग्रेड पे बंद करने की अधिसूचना को तुरंत रोक दिया गया।
सरकार का कर्मचारी हितैषी रुख
सरकार के प्रवक्ता ने इस घटना के बावजूद सरकार के कर्मचारी हितैषी रुख पर जोर दिया। उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में ही ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का उदाहरण दिया। इससे 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ है।
ओपीएस लागू होने से पेंशन राशि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पहले 2500-3000 रुपये पेंशन पाने वाले अब 25,000-30,000 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। यह फैसला कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
हालांकि, ओपीएस लागू करने के कारण केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो गई है। प्रतिमाह मिलने वाली 1600 करोड़ रुपये की सहायता रुक गई है। एनपीएस के लगभग 10,000 करोड़ रुपये का फंड भी केंद्र के पास अटका हुआ है।
मामले की जांच जारी है और जल्द ही एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई का रास्ता तय होगा। सरकार ने कर्मचारियों के हितों की रक्षा का भरोसा दिलाया है।
