Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड में बदलने के प्रस्ताव पर विचार करने से पहले एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों को यह आश्वासन दिया। इस कदम से शिक्षा व्यवस्था में होने वाले बदलाव पर गहन विचार हो सकेगा।
मुख्यमंत्री से शनिवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महासंघ के प्रधान सुनील शर्मा ने किया। इस दौरान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी चिंताएं रखीं। उन्होंने तर्क दिया कि एनसीईआरटी की किताबें और सिलेबस पहले से ही दोनों बोर्ड्स में समान हैं।
कर्मचारियों का मानना है कि बोर्ड बदलने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा। उन्होंने मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस मामले में जल्दबाजी न करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि पहले इस प्रस्ताव का व्यापक अध्ययन किया जाएगा।
सरकार की योजना और समिति का गठन
सरकार ने पहले ही 229 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड में परिवर्तित करने के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया था। शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक रोडमैप भी तैयार कर लिया था। अगले शैक्षणिक सत्र से इन स्कूलों में नया बोर्ड लागू करने की योजना थी। लेकिन अब इस प्रक्रिया पर रोक लग सकती है।
सूत्रों के अनुसार सरकार एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी। इस समिति में शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शिक्षाविद शामिल होंगे। समिति इस बदलाव के संभावित फायदे और नुकसान का आकलन करेगी। वह अन्य राज्यों के अनुभवों का भी अध्ययन करेगी।
शिक्षक संगठनों की भूमिका
राज्य के विभिन्न शिक्षक संगठनों ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले उनसे सलाह ली जाए। शिक्षकों का मानना है कि उनके व्यावहारिक अनुभव से इस निर्णय की व्यवहार्यता का सही आकलन हो सकेगा।
सुनील शर्मा ने उम्मीद जताई कि सरकार उनकी बातों पर गंभीरता से विचार करेगी। वे मानते हैं कि मौजूदा आधारभूत संरचना में सुधार करना ज्यादा जरूरी है। नए बोर्ड के ट्रांजिशन में आने वाली चुनौतियों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
यह निर्णय राज्य की शिक्षा नीति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा। समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही अगला कदम उठाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य छात्रों को सर्वोत्तम संभव शिक्षा सुविधाएं प्रदान करना है।
