Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने शिक्षकों को टीचर डायरी बनाने की शर्त से मुक्त कर दिया है। अब शिक्षकों को हाथ से डायरी लिखने की जरूरत नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सेकेंडरी एजुकेशन कोड के पैरा 12.9 को तुरंत प्रभाव से हटा दिया है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने सोमवार को इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। शिक्षक लंबे समय से इस नियम का विरोध कर रहे थे।
डिजिटल दौर में डायरी हुई बेकार
शिक्षा सचिव ने बताया कि जब यह नियम बना था, तब हालात अलग थे। आज हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदल चुकी है। अब पढ़ाई और मॉनिटरिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए हो रही है। ऑनलाइन लेसन प्लान और लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) का इस्तेमाल बढ़ा है। विद्या समीक्षा केंद्र (VSK) के जरिए स्कूलों की रियल टाइम निगरानी हो रही है। ऐसे में मैनुअल डायरी लिखना केवल काम का दोहराव था। इसकी अब कोई उपयोगिता नहीं रह गई थी।
बच्चों की पढ़ाई पर लगेगा पूरा समय
सरकार का कहना है कि डायरी लिखने में शिक्षकों का काफी वक्त बर्बाद होता था। अब यह समय बच्चों को पढ़ाने में इस्तेमाल होगा। शिक्षक अब पाठ योजना बनाने और कमजोर छात्रों की मदद करने पर ध्यान देंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी नवाचार पर जोर देती है। एनसीईआरटी का फ्रेमवर्क शिक्षकों को सही मार्गदर्शन देता है। इसलिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ कम करने के लिए यह फैसला लिया है।
शिक्षक संघ ने फैसले को बताया ऐतिहासिक
हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ ने सरकार के इस कदम का जोरदार स्वागत किया है। संघ का कहना है कि इससे हजारों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। संघ के राज्य अध्यक्ष अजय नेगी और महासचिव इंद्र सिंह ठाकुर ने इसे शिक्षक हित में ऐतिहासिक बताया। महिला विंग की पदाधिकारियों ने भी इसे सकारात्मक कदम कहा है। शिक्षकों का मानना है कि अब वे अपना पूरा ध्यान छात्रों के विकास पर लगा सकेंगे।
