Shimla News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने 1500 शिक्षक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। इनमें 600 जेबीटी और 900 टीजीटी शिक्षक के पद शामिल हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके प्रस्ताव को राज्य चयन आयोग को भेज दिया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि नवंबर महीने में पहले चरण की भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले इन शिक्षकों की नियुक्ति करना है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब तक सात हजार शिक्षक पदों पर भर्ती की जा चुकी है।
इस वर्ष भरे जाएंगे दस हजार पद
शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस वर्ष के अंत तक कुल दस हजार पद भरने का लक्ष्य है। इनमें से चार हजार पद बैच आधार पर भरे जा चुके हैं। तीन हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। आउटसोर्स आधार पर लगभग 13 हजार अतिरिक्त पद भरे जाएंगे। इनमें एनटीटी के छह हजार से अधिक पद शामिल होंगे।
प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया को नियमित आधार पर किया जाएगा। पहले प्लेसमेंट के आधार पर प्रधानाचार्य की नियुक्ति होती थी। विभाग ने लगभग दो हजार प्लेसमेंट पदोन्नतियों को नियमित बनाया है। राज्य लोक सेवा आयोग में इस संबंध में बैठक भी हो चुकी है।
विभाग में अठारह हजार से अधिक पद रिक्त
शिक्षा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि शिक्षक और गैर-शिक्षक मिलाकर कुल 18,809 पद रिक्त हैं। सबसे अधिक जेबीटी शिक्षकों के 3,874 पद खाली हैं। प्रधानाचार्यों के 825 पद भी रिक्त हैं। विषयवार देखें तो शारीरिक शिक्षा के 1,216 पद रिक्त हैं।
हिंदी और अंग्रेजी विषयों में क्रमशः 326 और 272 पद खाली हैं। विज्ञान विषयों में भी काफी संख्या में पद रिक्त हैं। सरकार का लक्ष्य इन सभी रिक्तियों को शीघ्र भरना है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार expected है।
स्कूल कांप्लेक्स प्रणाली पर होगी बैठक
शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूल कांप्लेक्स प्रणाली को लेकर कुछ शिक्षकों के विरोध के मद्देनजर जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी। सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का निर्णय लिया है। जो स्कूल नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके स्थान पर अन्य स्कूलों को शामिल किया जाएगा।
प्राकृतिक आपदा से शिक्षा विभाग को 50 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान दर्ज किया गया है। पहले चरण में 16 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। विश्व बैंक की परियोजना से भी स्कूलों की मरम्मत का कार्य किया जाएगा।
छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं होंगे
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं किए जाएंगे। यह निर्णय पिछली सरकारों के समय से चला आ रहा है। कांग्रेस सरकार के समय छात्र संघ चुनाव पर प्रतिबंध लगाया गया था। बाद में बीजेपी सरकार ने भी इस निर्णय को बनाए रखा।
वर्तमान सरकार भी इस नीति पर कायम रहेगी। छात्र संगठन एससीए चुनाव की बहाली को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने अपने निर्णय पर अडिग रहने का संकल्प जताया है। इस मामले में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है।
एसएमसी शिक्षकों को पांच प्रतिशत एलडीआर कोटे के तहत नियमित किया जाएगा। कंप्यूटर शिक्षकों की नियमितीकरण प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू की जाएगी। सरकार का दावा है कि इन कदमों से शिक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा।
