Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मानसून से हुई भारी तबाही को देखते हुए आगामी पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकाय चुनावों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। यह फैसला आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य कार्यकारी समिति ने लिया है। सरकार का कहना है कि चुनाव तभी करवाए जाएंगे जब पूरे प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करके कनेक्टिविटी पूरी तरह बहाल हो जाएगी।
सरकार ने यह कदम मतदाताओं और चुनाव कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है। टूटी सड़कों के चलते मतदान केंद्रों तक पहुंचना खतरनाक हो सकता है। सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि संपर्क टूटने के कारण कोई भी मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित न रह जाए।
जिला प्रशासन ने की थी चुनाव स्थगित करने की सिफारिश
यह निर्णय मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जैसे प्रभावित जिलों के उपायुक्तों के अनुरोध पर लिया गया। इन जिलों ने अपनी रिपोर्ट में क्षतिग्रस्त सड़कों पर चुनावी सामग्री और कर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने सिफारिश की थी कि सड़कों की बहाली तक चुनाव प्रक्रिया को आगे न बढ़ाया जाए।
इस साल मानसून ने मचाई भारी तबाही
प्रदेश में इस साल मानसून ने भयानक रूप ले लिया था। राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के आंकड़े बताते हैं कि 19 जून से सक्रिय मानसून के दौरान सैकड़ों घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और बड़े भूस्खलन की घटनाएं शामिल हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं में 270 से अधिक लोगों की मौत का दुखद रिकॉर्ड दर्ज हुआ है।
मानसून के खत्म होने के बाद भी प्रदेश को राहत नहीं मिली। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हुई भारी बारिश ने स्थिति और गंभीर बना दी। इसके कारण आपदा में 13 और लोगों की जान चली गई। इस तबाही ने सरकार के सामने बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़क संपर्क को फिर से खड़ा करने की बड़ी चुनौती पेश की है।
राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां हुई अधूरी
राज्य चुनाव आयोग नवंबर-दिसंबर में चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर चुका था। आयोग ने करीब दो महीने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो गया था। आरक्षण रोस्टर तय करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए थे।
लेकिन सरकार के इस फैसले ने चुनाव आयोग की सभी तैयारियों पर विराम लगा दिया है। अब चुनाव की तारीखें पूरी तरह से सड़क मरम्मत के काम की प्रगति पर निर्भर करेंगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पूरे प्रदेश में यातायात लिंक सुरक्षित और सुचारू होने के बाद ही नई चुनाव तिथि पर विचार किया जाएगा।
