Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों के लिए ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य कर दिया है। इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि अब 15 दिसंबर निर्धारित की गई है। निर्धारित समय सीमा में ई-केवाईसी पूरी न करवाने वाले लाभार्थियों की पेंशन रोक दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस तिथि के बाद कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
यह निर्णय लगभग एक लाख पेंशनधारकों द्वारा अभी तक ई-केवाईसी न करवाने के कारण लिया गया है। पहले इसकी समय सीमा 30 नवंबर थी जिसे बढ़ाया गया है। सरकार का लक्ष्य पेंशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और दोषमुक्त बनाना है। इससे केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही लाभ मिल सकेगा।
मोबाइल एप के जरिए होगा सत्यापन
सामाजिक न्याय एवंअधिकारिता विभाग ने इस कार्य के लिए एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है। लाभार्थियों को अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर यह सत्यापन करवाना होगा। इस प्रक्रिया में आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दर्ज करनी होती है। यह कदम फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।
राज्य में कुल 8,31,161 सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 6.75 लाख लाभार्थियों ने पहले ही अपना ई-केवाईसी सत्यापन पूरा कर लिया है। शेष लगभग एक लाख लाभार्थियों से तेजी से यह प्रक्रिया पूरी करवाने पर जोर दिया जा रहा है। विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
दिसंबर की पेंशन पर होगा प्रभाव
सरकार नेचेतावनी दी है कि 15 दिसंबर के बाद यदि किसी लाभार्थी ने ई-केवाईसी नहीं करवाई तो उसकी दिसंबर माह की पेंशन रोक दी जाएगी। यह नियम सभी श्रेणियों के पेंशनधारकों पर समान रूप से लागू होगा। अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और दिव्यांग सभी को यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार डिजिटल सत्यापन से सामाजिक कल्याण योजनाओं में पारदर्शिता आती है। इससे धन के दुरुपयोग पर रोक लगती है। हिमाचल प्रदेश सरकार का यह कदम इसी दिशा में एक प्रयास है। लाभार्थियों को समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए।
ई-केवाईसी प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया गया है। लाभार्थियों को अपना आधार कार्ड और बैंक खाते की जानकारी सत्यापन के लिए देनी होगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षित कार्यकर्ता इस कार्य में उनकी सहायता कर रहे हैं। इससे बुजुर्ग या तकनीकी ज्ञान न रखने वाले लोगों को भी आसानी होगी।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि डिजिटल सत्यापन के बाद कई योजनाओं में फर्जी लाभार्थियों की संख्या में कमी आई है। इससे सरकारी खजाने की बचत होती है और वास्तविक जरूरतमंदों को बेहतर लाभ मिल पाता है। समय पर पेंशन मिलने से लाभार्थियों के जीवन में स्थिरता आती है।
अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान पेंशनधारकों के हित में ही चलाया जा रहा है। इससे भविष्य में पेंशन के भुगतान में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी। सभी लाभार्थियों से अपील की गई है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार न करें। वे तुरंत अपना सत्यापन करवा लें ताकि उनकी पेंशन नियमित रूप से मिलती रहे।
