Himachal News: दीपावली के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के खाली पड़े सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों में नए चेयरमैन की नियुक्तियां करने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में दिल्ली में कांग्रेस की हाई कमान से चर्चा की है। माना जा रहा है कि दीपावली उत्सव के बाद इन नियुक्तियों को मंजूरी मिल सकती है। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन और मंत्रिमंडल विस्तार पर भी जल्द फैसला होगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस महीने के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का ऐलान होने की बात कही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निगमों और बोर्डों में नियुक्तियों का फैसला पार्टी अध्यक्ष के ऐलान से पहले भी हो सकता है। इन नियुक्तियों के जरिए सरकार कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने की योजना बना रही है।
हिमाचल प्रदेश में कई महत्वपूर्ण निगम और बोर्ड वर्तमान में चेयरमैन के बिना चल रहे हैं। इनमें मार्केटिंग बोर्ड और एक्स सर्विस मैन कारपोरेशन जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं। कुछ अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में एक ही व्यक्ति को दो-दो जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए नई नियुक्तियां जरूरी बताई जा रही हैं।
पूर्व विधायक और लोकसभा चुनाव लड़ चुके सतपाल रायजादा के नाम पर चेयरमैन पद के लिए जोरदार चर्चा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के बेटे की नियुक्ति की भी चर्चा है जो सेवा के पूर्व अफसर हैं। ये सभी नियुक्तियां मुख्यमंत्री और कांग्रेस हाईकमान की आपसी सहमति के बाद ही होंगी। नियुक्ति प्रक्रिया का शेड्यूल भी इसी चर्चा के बाद तय किया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी और मंत्रिमंडल विस्तार
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन के साथ-साथ राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में भी एक पद रिक्त है। इस पद को भरने के लिए मंडी संसदीय सीट से कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर का नाम सामने आ रहा है। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कांग्रेस पार्टी राज्यसभा चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकती है। इससे नियुक्ति प्रक्रिया में थोड़ी देरी भी हो सकती है।
नए चेयरमैन की नियुक्तियों को राज्य सरकार की एक बड़ी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इन पदों के माध्यम से सरकार पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करेगी। इससे संगठन में एकता बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों के बेहतर प्रबंधन का रास्ता भी साफ होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी नेतृत्व को इन नियुक्तियों की रूपरेखा से अवगत कराया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं से इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। अब दीपावली के बाद इन योजनाओं पर अमल शुरू होने की उम्मीद है।
राज्य सरकार की प्राथमिकताएं
हिमाचल प्रदेश सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। सार्वजनिक उपक्रमों का कुशल संचालन सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इन निगमों और बोर्डों के माध्यम से राज्य के आर्थिक विकास को गति मिलती है। नए नेतृत्व के साथ ये संस्थान और अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे। इससे जनता को बेहतर सेवाएं मिलने की उम्मीद है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इन नियुक्तियों का असर आने वाले समय में राज्य की राजनीति पर भी पड़ेगा। प्रदेश कांग्रेस में नए अध्यक्ष की नियुक्ति और मंत्रिमंडल विस्तार से सरकार के कामकाज में नई गति आएगी। सभी निर्णय पार्टी हाई कमान और मुख्यमंत्री के बीच समन्वय से लिए जाएंगे। इससे सरकार की एकजुटता का संदेश भी जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार के इन कदमों से राज्य के प्रशासनिक ढांचे में सुधार की उम्मीद की जा रही है। नए चेयरमैन अपने-अपने विभागों में ताजगी ला सकते हैं। इससे सार्वजनिक उपक्रमों के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी। आने वाले समय में राज्य सरकार की नीतियों को जमीन पर उतारने में इन नियुक्तियों की अहम भूमिका होगी।
