Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना के तहत होम स्टे के लिए ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में आतिथ्य उद्योग को बढ़ावा देना है।
शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलेगी। ग्रामीण इलाकों में यह सब्सिडी चार प्रतिशत तक होगी। जनजातीय क्षेत्रों के लिए पांच प्रतिशत की विशेष सब्सिडी दी जाएगी। इससे स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
पात्रता शर्तें
इस योजना का लाभ केवल हिमाचल के स्थायी निवासी ही उठा सकेंगे। आवेदक कम से कम बीस वर्षों से राज्य का निवासी होना चाहिए। यह योजना युवाओं, महिला उद्यमियों और पूर्व सैनिकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। दिव्यांगजन और पिछड़े वर्गों को भी इसका लाभ मिलेगा।
नई पर्यटन इकाई या होम स्टे यूनिट शुरू करने वाले उद्यमी आवेदन कर सकते हैं। बैंक से मिलने वाले ऋण पर ब्याज में रियायत दी जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक इस योजना में शामिल हैं।
आवेदन प्रक्रिया
ब्याज सब्सिडी योजना के लिए आवेदन पर्यटन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर किए जा सकेंगे। ऑफलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। आवेदक को होम स्टे का पंजीकरण प्रमाणपत्र जमा करना होगा। बोनाफाइड हिमाचली प्रमाणपत्र और तीन पसंदीदा बैंकों के नाम भी देना होंगे।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी आवेदनों की जांच करेंगे। सत्यापन के बाद आवेदन संबंधित बैंक को भेजा जाएगा। बैंक को आवेदन मिलने के दस दिनों के भीतर ऋण स्वीकृत करना होगा।
समय सीमा और निगरानी
नई पर्यटन यूनिट को दो वर्ष के भीतर पूरा करना अनिवार्य होगा। यदि कार्य निर्धारित समय में पूरा नहीं हुआ तो सब्सिडी रोक दी जाएगी। सरकार की ओर से मिलने वाली ब्याज सब्सिडी की राशि नोडल बैंक में जमा रहेगी।
यह राशि हर तीन महीने में पात्र आवेदकों के खातों में भेजी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन निदेशक करेंगे।
होम स्टे संचालन के नियम
योजना का लाभ लेने वालों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। होम स्टे की बुकिंग और मेहमानों का कम्प्यूटराइज्ड रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। जीएसटी नंबर प्राप्त कर उसकी जानकारी विभाग को देनी होगी। होम स्टे में बिजली और पानी के लिए व्यावसायिक दरें लागू होंगी।
यूनिट को कम से कम पांच साल तक चलाना जरूरी रहेगा। यदि यह शर्त पूरी नहीं की गई तो सरकार सब्सिडी वापस ले सकती है।
वित्तीय व्यवस्था
निजी बैंक और एसआईडीबीआई जैसी संस्थाएं भी इस योजना में शामिल हैं। ब्याज सब्सिडी की गणना ऋण की वास्तविक दर पर आधारित होगी। सब्सिडी की राशि सीधे उद्यमी के खाते में जमा कराई जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। पर्यटन उद्योग को व्यवस्थित रूप से बढ़ावा मिलेगा।
