Himachal News: सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने नशा तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू किया है। इस कार्रवाई के तहत नशे के कारोबार में शामिल 80 सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। सरकार ने 1214 लोगों की अवैध संपत्तियों का पता लगाया है और अतिक्रमण के 70 मामलों में भी कार्रवाई की है। यह कदम राज्य में बढ़ रहे नशे के खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है।
राज्य सरकार ने नशा तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए इस साल पिट-एनडीपीएस कानून लागू किया है। इसके तहत अब तक 41 डिटेंशन ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं। सरकार के कार्यकाल में छह हजार से अभी एनडीपीएस के मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले कुछ दिनों में सिंथेटिक ड्रग्स के मामलों में विशेष रूप से बढ़ोतरी देखी गई है।
वार्ड स्तर पर नशा तस्करों की मैपिंग
हिमाचल सरकार ने नशा तस्करों को चिन्हित करने के लिए वार्ड स्तर पर एक अनोखी पहल शुरू की है। इस मैपिंग के जरिए तस्करों का पता लगाया जा रहा है। तीन रंगों के आधार पर वार्डों को वर्गीकृत किया गया है। जिन वार्डों में नशा तस्करी नहीं है उन्हें हरे रंग से दर्शाया गया है। कम नशे वाले वार्डों को पीले रंग से और अधिक नशे वाले वार्डों को लाल रंग से चिन्हित किया गया है।
राज्य में नशा तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई
नशा तस्करी के खिलाफ यह कार्रवाई राज्य भर में चल रही है। एसटीएफ में धर्मशाला, मंडी और परवाणु को शामिल किया गया है। ऊना, कुल्लू, बद्दी और सिरमौर जैसे क्षेत्रों के तहत 13 पुलिस थानों को इस अभियान में लगाया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को नशे की समस्या से पूरी तरह मुक्त किया जा सके।
सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी से एक स्पष्ट संदेश गया है कि नशे के कारोबार में कोई भी शामिल नहीं बचेगा। यह कार्रवाई प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी थी। भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाना सरकार की प्राथमिकता है। अन्य कर्मचारियों के लिए यह एक चेतावनी का काम करेगी।
नशा तस्करी के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा। सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। हर स्तर पर निगरानी की जा रही है। नए कानून और सख्त कार्रवाई से अपराधियों पर काबू पाने में मदद मिलेगी। आम जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है।
हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ यह लड़ाई एक बड़े अभियान का हिस्सा है। स्थानीय लोगों का सहयोग भी इसके लिए जरूरी है। पुलिस और प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। नशा तस्करी रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकती है।
