Himachal News: Himachal Pradesh के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नशे (चिट्टे) के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। बिलासपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को खुली चेतावनी दी है। सीएम ने साफ कहा कि नशे के कारोबार में शामिल सरकारी ‘काली भेड़ों’ को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने युवाओं को नशे की लत से बचाने और तस्करों को जेल भेजने के लिए एक बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया है।
पहली बार नशा करने वाला अपराधी नहीं
सीएम सुक्खू ने Himachal Pradesh के युवाओं के प्रति संवेदनशील नजरिया पेश किया है। उन्होंने कहा कि जो युवा पहली बार नशे की गिरफ्त में आए हैं, वे अपराधी नहीं हैं। सरकार उन्हें जेल नहीं भेजेगी, बल्कि उनके सुधार और पुनर्वास पर काम करेगी। इसका मकसद भटके हुए युवाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाना है। हालांकि, बार-बार नशा बेचने वाले ‘रिपीट ऑफेंडर्स’ के लिए जेल ही एकमात्र ठिकाना होगा।
प्रशासन में छिपी ‘काली भेड़ों’ की खैर नहीं
मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि प्रशासन के भीतर बैठे नशा तस्कर अब ज्यादा दिन नहीं बच पाएंगे। Himachal Pradesh सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पहचान शुरू कर दी है। जो भी सरकारी कर्मचारी चिट्टे के अवैध कारोबार में संलिप्त पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। सीएम ने पुलिस और उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर इसकी पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई अब निर्णायक दौर में है।
हर पंचायत बनेगी ‘चिट्टा मुक्त’
सरकार ने 15 नवंबर से जागरूकता अभियान की शुरुआत की थी। अब इसे एक बड़े जन आंदोलन में बदला जाएगा। Himachal Pradesh की हर पंचायत में ‘चिट्टा मुक्त ग्राम पंचायत’ अभियान शुरू होगा। इसका उद्देश्य गांव के स्तर पर नशे की सप्लाई चेन को तोड़ना है। बिलासपुर में आयोजित वॉकथॉन में सीएम ने खुद पैदल चलकर जागरूकता का संदेश दिया। इस मौके पर मंत्री राजेश धर्माणी और स्कूली बच्चों ने भी नशे के खिलाफ आवाज बुलंद की।
