Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने लगातार दूसरे दिन बड़ी पदस्थापनाएं की हैं। सरकार ने विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस नेता शशि शर्मा को हिमाचल प्रदेश वाटर मैनेजमेंट बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे एक दिन पहले अनुराग शर्मा को भी औद्योगिक विकास निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया था। सचिव जलशक्ति विभाग राखिल काहलो ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश सरकार के ई-गजट में भी प्रकाशित कर दी गई है।
शशि शर्मा स्वर्गीय तिलक राज शर्मा के पुत्र हैं और मंडी जिले के नेरचौक के निवासी हैं। सरकार के अनुसार उपाध्यक्ष पद से संबंधित नियम व शर्तें अलग से जारी की जाएंगी। शशि शर्मा कांग्रेस के पूर्व महासचिव रहे हैं और एनएसयूआई में भी सक्रिय रहे हैं। वह लंबे समय से प्रदेश की राजनीति व सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं।
अनुराग शर्मा को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
प्रदेश सरकार ने गत दिवस अनुराग शर्मा को हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। अनुराग कैथलीघाट कंडाघाट जिला सोलन के रहने वाले हैं। वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सेवादल के राज्य अध्यक्ष हैं और लंबे समय से संगठन के लिए कार्य कर रहे हैं। वह विभिन्न राज्यों में चुनावी जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं।
और नेताओं को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
चौपाल से कांग्रेस नेता सुरेंद्र शर्मा को एचपीएमसी का उपाध्यक्ष लगाने की तैयारी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से फाइल को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही युवा कांग्रेस अध्यक्ष छत्र सिंह को भी बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। हिमाचल सरकार दिसंबर में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर रही है और अब दो साल बाकी बचे हैं।
राज्य सरकार की अन्य recent गतिविधियां
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए थे । इनमें आपदा प्रभावित परिवारों को मिलने वाली धनराशि बढ़ाना और 2000 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी शामिल है 。 पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 800 पदों के सृजन एवं भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई है 。
न्यायालय ने आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं जारी रखने का दिया आदेश
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश बागवानी विकास परियोजना और प्रदेश कृषि विपणन बोर्ड में अनुबंध आधार पर आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाओं को जारी रखने का आदेश दिया है 。 अदालत ने सरकार को अनुबंध के आधार पर वेतन भुगतान करने को भी कहा है 。 यह आदेश राज्य में कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
