शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश सरकार: तंबाकू उत्पादों पर एक साल के लिए पूर्ण प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर होगी एक से पांच साल की जेल

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य ने तंबाकू और निकोटिन युक्त सभी खाद्य उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर एक वर्ष का पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स रेगुलेशन 2011 के तहत लागू किया गया है। इस दौरान इन उत्पादों से जुड़ा कोई भी कारोबार अवैध माना जाएगा।

इस अधिसूचना के तहत कोई भी व्यक्ति, व्यापारी या निर्माता इन प्रतिबंधित उत्पादों का उत्पादन या बिक्री नहीं कर सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। दोषियों को एक से पांच साल तक की जेल और जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह कार्रवाई फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 की संबंधित धाराओं के तहत की जाएगी।

प्रतिबंधित उत्पादों की सूची

इस प्रतिबंध केदायरे में आने वाले उत्पादों में गुटखा, पान मसाला और खैनी शामिल हैं। इसके अलावा जर्दा, सुगंधित सुपारी और मावा जैसे उत्पाद भी प्रतिबंधित हैं। कोई भी खाद्य पदार्थ जिसमें तंबाकू या निकोटिन का इस्तेमाल किया जाता है, उस पर यह रोक लागू होगी। सरकार का लक्ष्य इन हानिकारक उत्पादों पर पूरी तरह से रोक लगाना है।

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पहले भी लग चुकी है रोक

हिमाचल प्रदेश मेंइससे पहले भी इन उत्पादों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। लेकिन इस बार राज्य सरकार ने इसे और सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। सरकार ने नशामुक्ति के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने का संकल्प लिया है। इसके लिए एक मजबूत निगरानी तंत्र स्थापित किया जा रहा है।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त को जिम्मेदारी

प्रतिबंध कोसख्ती से लागू कराने की जिम्मेदारी खाद्य सुरक्षा आयुक्त को सौंपी गई है। आयुक्त को सभी जिलों में नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इन निरीक्षणों का मकसद प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को पकड़ना है। अधिकारी बाजारों, गोदामों और उत्पादन इकाइयों की जांच करेंगे। किसी भी तरह की चूक पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव

स्वास्थ्य विभाग केअधिकारियों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि तंबाकू और निकोटिन युक्त उत्पादों के सेवन से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें मुंह और फेफड़ों का कैंसर प्रमुख हैं। इसके अलावा हृदय रोग और सांस संबंधी समस्याएं भी आम हैं। यह कदम लोगों को इन गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने में मदद करेगा।

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सरकार का मानना है कि यह प्रतिबंध युवाओं को इन उत्पादों के सेवन से दूर रखने में प्रभावी साबित होगा। इन उत्पादों की आसान उपलब्धता युवाओं के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करती है। इस पर रोक लगने से नशे की आदतों पर अंकुश लगेगा। इससे समाज के स्वास्थ्य स्तर में सुधार आने की उम्मीद है।

इस अभियान का उद्देश्य जनता को इन उत्पादों के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करना भी है। लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा। स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना इसका मुख्य लक्ष्य है। सरकार चाहती है कि प्रदेश के निवासी बेहतर और स्वस्थ जीवन जी सकें।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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