Himachal News: Himachal Pradesh सरकार ने मानवीय संवेदनाओं की एक नई मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया है। अब इन बच्चों का कोई नहीं, बल्कि पूरी सरकार ही उनका परिवार है। प्रदेश सरकार ने करीब 6 हजार ऐसे बच्चों को गोद लिया है। अनाथ बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कानून बनाने वाला Himachal Pradesh देश का पहला राज्य बन गया है।
27 साल तक मुफ्त पढ़ाई और हवाई यात्रा
Himachal Pradesh सरकार ने इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का पूरा प्लान तैयार किया है। बच्चों को 27 साल की उम्र तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इसमें उच्च शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग भी शामिल है। सरकार केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बच्चों को दुनिया भी दिखाएगी। उन्हें गोवा, अमृतसर और दिल्ली जैसे शहरों में ‘एक्सपोज़र विजिट’ पर भेजा जा रहा है। इस यात्रा के लिए हवाई जहाज और ट्रेन की टिकट का खर्च सरकार उठाएगी। साथ ही, उनके ठहरने का इंतजाम फाइव स्टार स्तर की सुविधाओं वाले होटलों में किया जाएगा।
शादी और घर के लिए मिलेगी बड़ी मदद
सुख-आश्रय योजना के तहत सरकार युवाओं को पैरों पर खड़ा कर रही है। अब तक 371 छात्रों की पढ़ाई और हॉस्टल फीस के लिए 1.53 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं, शादी के लिए भी सरकार ने खजाना खोल दिया है। 264 लाभार्थियों को शादी के लिए 5.16 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। अपना घर बनाने के लिए 423 युवाओं को मदद मिली है और पात्र लोगों को जमीन भी दी गई है। खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए Himachal Pradesh के 75 युवाओं को 65.36 लाख रुपये की मदद दी गई है।
जेब खर्च और त्योहारों का भत्ता
सरकार बच्चों की छोटी-छोटी खुशियों का भी ध्यान रख रही है। बच्चों को कपड़े खरीदने के लिए ‘वस्त्र भत्ता’ और त्योहार मनाने के लिए ‘उत्सव भत्ता’ दिया जाता है। अब तक 3,268 बच्चों को त्योहार भत्ता और 2,635 को कपड़ों के लिए पैसे मिले हैं। अच्छे खान-पान के लिए 2,471 बच्चों को पोषण भत्ता दिया गया है। पिछले तीन सालों में इन कल्याणकारी कार्यों पर कुल 28 करोड़ रुपये की सहायता राशि बांटी गई है।
विधवाओं और एकल नारियों को भी सहारा
Himachal Pradesh सरकार ने विधवा और एकल महिलाओं की मदद के लिए भी हाथ आगे बढ़ाए हैं। ‘मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना’ के तहत घर बनाने के लिए 3 लाख रुपये की मदद दी जाती है। अब तक 26 महिलाओं को यह राशि मिल चुकी है। इसके अलावा, ‘इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना’ के तहत 19,479 बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की मदद मिल रही है। सरकार की इन कोशिशों से हजारों बेसहारा लोगों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगी है।
