Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के वेतन संबंधी नियमों में बड़ा बदलव किया है। सरकार ने संशोधित वेतन नियम 7 ए को पूरी तरह से हटा दिया है। इस संशोधन को 3 जनवरी, 2022 से प्रभावी माना जाएगा।
इस निर्णय का सीधा लाभ यह हुआ है कि जिन कर्मचारियों को निर्धारित वेतन से अधिक राशि का भुगतान हुआ है, उसकी अब वसूली नहीं की जाएगी। इससे हजारों कर्मचारियों को वित्तीय दबाव से राहत मिलेगी।
वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विसेज (संशोधित वेतन) नियम, 2025 में संशोधन करती है।
नियम 7 ए मुख्य रूप से उन कर्मचारियों से जुड़ा था जिनका वेतन 2009 के संशोधित नियमों के अनुसार समायोजित नहीं किया गया था। इस नियम के तहत उन्हें 2015 के वेतन मानदंडों पर ले जाना था।
अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कर्मचारियों से किसी भी प्रकार की अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली नहीं की जाएगी। इस कदम से कर्मचारियों के वर्तमान वेतन ढांचे में स्थिरता आएगी।
पूर्ववर्ती सरकार ने कर्मचारियों को छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर संशोधित वेतन देने का निर्णय लिया था। तब कर्मचारियों को 50,000 रुपये और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 60,000 रुपये का अरेयर दिया गया था।
सरकार ने वर्ष 2016, 2017 और 2018 में कर्मचारियों को अंतरिम राहत भी प्रदान की थी। अब सरकार के सामने संशोधित वेतन के अरेयर और 13 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान करने की चुनौती है।
