Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (हिमुडा) में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। इसके तहत 327 पदों को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही सरकार ने नई एडवाइजर की पोस्ट सृजित की है। इस फैसले से कर्मचारियों और बेरोजगार युवाओं में नाराजगी है।
सरकार ने नाहन स्थित हिमुडा के डिवीजन ऑफिस को घुमारवीं स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया है। इस कदम को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी ने इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसला बताया है।
विपिन सिंह परमार ने लगाए गंभीर आरोप
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक विपिन सिंह परमार ने इस फैसले को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को नौकरियों की सख्त जरूरत है। ऐसे में सरकार का पद समाप्त करना युवाओं के साथ धोखा है।
परमार ने आरोप लगाया कि सरकार अपने चहेतों को एडजस्ट करने के लिए नई पोस्टें बना रही है। उन्होंने कहा कि एडवाइजर जैसी पदों का सृजन इसी रणनीति का हिस्सा है। इससे बेरोजगार युवा हतोत्साहित हो रहे हैं।
सरकार पर लगे विकास से भटकने के आरोप
विपिन सिंह परमार ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार का ध्यान विकास कार्यों से हट गया है। सरकार का पूरा फोकस पदस्थापन और संस्थानों के राजनीतिक शिफ्टिंग पर केंद्रित है। यह फैसला प्रदेश के हित में नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा इस फैसले का पुरजोर विरोध करेगी। पार्टी कर्मचारियों और बेरोजगारों की आवाज को विधानसभा तक उठाएगी। इस मामले पर सरकार से जवाब तलब किया जाएगा।
कर्मचारी संगठनों में है नाराजगी
हिमुडा में पद समाप्ति के फैसले से कर्मचारी संगठनों में गहरा रोष है। उनका कहना है कि इससे संगठन के कामकाज पर बुरा असर पड़ेगा। पद समाप्ति से कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट आ गया है।
कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। अब देखना है कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है।
