मंगलवार, दिसम्बर 30, 2025

Himachal Pradesh: गूगल पे से रिश्वत लेते रंगे हाथ धरा गया वन अधिकारी! 50 हजार के चक्कर में गई इज्जत

Share

Bilaspur News: Himachal Pradesh में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई की है। वन विभाग का एक बीट अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। आरोपी ने पेड़ों की मार्किंग के बदले मोटी रकम मांगी थी। खास बात यह है कि आरोपी ने रिश्वत की रकम ‘गूगल पे’ (Google Pay) के जरिए ली थी। डिजिटल लेन-देन के इसी सबूत ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। विजिलेंस ब्यूरो ने बिलासपुर थाने में मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

3 लाख की डिमांड, 1 लाख में सौदा

शिकायतकर्ता सुरेश कुमार एक वन ठेकेदार हैं। उनके पास बिलासपुर के सदर ब्लॉक में खैर के पेड़ों के कटान का ठेका है। नियमों के मुताबिक, कटान से पहले वन विभाग के अधिकारी को पेड़ों की मार्किंग करनी होती है। आरोप है कि बीट अधिकारी समीर मोहम्मद ने इसके बदले 3 लाख रुपये मांगे। काफी बातचीत के बाद सौदा 1 लाख रुपये में तय हुआ। Himachal Pradesh विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और डिजिटल सबूतों के आधार पर कार्रवाई की।

यह भी पढ़ें:  Mandi News: छातडू में वृद्ध जंगी राम पर लोहे की रॉड से किया हमला, जान से मारने की धमकी भी दी; मामला दर्ज

गूगल पे से ली थी पहली किश्त

सोमवार को आरोपी अधिकारी ने रिश्वत की पहली किश्त मांगी। उसने 50,000 रुपये गूगल पे के माध्यम से अपने खाते में डलवाए। जैसे ही पैसे ट्रांसफर हुए, विजिलेंस ने उसे दबोच लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। टीम अब बैंक ट्रांजेक्शन और अन्य सबूतों की गहनता से जांच कर रही है। विभाग ने साफ किया है कि सरकारी काम के बदले पैसे मांगने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

विवादों में रहा है खैर का कटान

Himachal Pradesh के बिलासपुर जिले में खैर के पेड़ों का कटान पहले भी विवादों में रहा है। वन विभाग पर अवैध कटान को लेकर कई बार सवाल उठे हैं। अक्सर जांच शुरू होती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ फाइलें इधर-उधर होती हैं। हालांकि, इस बार ठेकेदार की सतर्कता ने भ्रष्ट अधिकारी को पकड़वा दिया। यह घटना साबित करती है कि विभाग के अंदर अब भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल प्रदेश: कचरा प्रबंधन के लिए अब स्थानीय लोगों से भी वसूले जा सकते हैं पैसे, हाईकोर्ट ने दिया यह सुझाव

पुरानी फाइलों पर जमी धूल

भ्रष्टाचार के पुराने मामलों में कार्रवाई की रफ्तार बेहद सुस्त है। साल 2018 में श्री नयना देवी जी में करोड़ों रुपये का खैर कटान घोटाला सामने आया था। विजिलेंस ने दो साल पहले ही अपनी जांच पूरी कर ली है। लेकिन आज तक उस मामले में अभियोजन की मंजूरी नहीं मिली है। फाइलें सरकारी दफ्तरों में धूल फांक रही हैं। जानकारों का मानना है कि समय पर सजा न मिलने से ही Himachal Pradesh में भ्रष्ट अधिकारियों के हौसले बुलंद हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News