Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने इस संबंध में विधि विभाग को फाइल भेज दी है। विधि विभाग की राय आने के बाद ही इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 12 सप्ताह के भीतर संपूर्ण कार्यवाही पूरी करने का आदेश दिया है। इससे प्रदेश भर के लगभग 1300 कंप्यूटर शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
हाई कोर्ट ने दिया था नियमितीकरण का आदेश
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सितंबर माह में राज्य के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स के आधार पर नियुक्त कंप्यूटर शिक्षकों को वर्ष 2016 से नियमित करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि याचिकाएं उसी वर्ष से दायर हुई हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सभी लाभों का पात्र भी बताया था। इस आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया शुरू की है। विभाग विधि विभाग की राय को न्यायालय में भी प्रस्तुत करेगा।
लंबे समय से चल रही थी मांग
प्रदेश के स्कूलों में करीब 1300 कंप्यूटर शिक्षक आउटसोर्स के आधार पर नियुक्त हैं जो लंबे समय से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन शिक्षकों को स्वतंत्र एजेंसियों की ओर से नियोजित किया गया है। ये एजेंसियां राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर स्कूलों में विषय पढ़ाने के लिए नियुक्त की गई हैं। इन शिक्षकों की नियमितीकरण की मांग कई वर्षों से चल रही थी जिसे अब उच्च न्यायालय ने मान लिया है।
25 वर्ष पहले शुरू हुई थी आउटसोर्स भर्ती
प्रदेश में साल 2001-02 से आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से स्कूलों में आईटी शिक्षा शुरू हुई थी। लंबी सेवा के बावजूद ये शिक्षक अभी तक नियमित नहीं हुए हैं। इसी अवधि के दौरान पीटीए, ग्रामीण विद्या उपासक और पीएटी शिक्षकों को भी नियुक्त किया गया था। इन सभी श्रेणियों के शिक्षक पहले ही नियमित हो चुके हैं। केवल कंप्यूटर शिक्षक ही इस सुविधा से वंचित रह गए थे।
2016 में बना था संवर्ग लेकिन भर्ती रद्द हुई
राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में पीजीटी (आईपी) के लिए एक संवर्ग बनाया था। भर्ती नियमों में संशोधन कर पांच वर्ष का शिक्षण अनुभव शामिल किया गया था। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की गई थी लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया। इस रद्दीकरण के बाद से ही कंप्यूटर शिक्षकों का नियमितीकरण रुका हुआ था। अब उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद स्थिति में बदलाव आया है।
विधि विभाग की राय का इंतजार
शिक्षा विभाग ने विधि विभाग से राय मांगी है जिसके आने के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। विभाग विधि विभाग की राय को न्यायालय में भी प्रस्तुत करेगा। इसके बाद ही नियमितीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 12 सप्ताह के भीतर संपूर्ण कार्यवाही पूरी करने का आदेश दिया है। इस समयसीमा के भीतर विभाग को सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
शिक्षकों को मिलेगा संपूर्ण लाभ
नियमितीकरण के बाद इन कंप्यूटर शिक्षकों को सरकारी कर्मचारियों के सभी लाभ मिल सकेंगे। इनमें वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों को वर्ष 2016 से ही सभी लाभों का पात्र माना है। इसका मतलब यह है कि नियमित होने के बाद शिक्षकों को पिछले वर्षों के लाभ भी मिल सकते हैं। यह निर्णय प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।
