Himachal News: भारी बारिश और भूस्खलन ने हिमाचल प्रदेश की कीरतपुर-मनाली फोरलेन को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। पंडोह से औट के बीच का यह महत्वपूर्ण मार्ग पिछले तीन दिनों से पूरी तरह बंद है। इससे सैकड़ों मालवाहक वाहन रास्ते में फंस गए हैं और उनमें लदा ताजा माल खराब हो गया है।
मार्ग क्षतिग्रस्त होने की वजह
मंगलवार को दवाड़ा क्षेत्र में लारजी पावर हाउस के पास ब्यास नदी का पानी सड़क पर बह आया। इस घटना ने फोरलेन के एक बड़े हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रशासन ने सोमवार को कुछ घंटों के लिए वाहनों का आवागमन शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन बाद में फिर हुई भारी बारिश और भूस्खलन ने मार्ग को फिर से बंद कर दिया।
ट्रक चालकों की दयनीय स्थिति
कई ट्रक चालक तीन दिनों से अपने वाहनों में ही फंसे हुए हैं। इन वाहनों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की मंडियों के लिए कुल्लू-मनाली और लाहुल से भेजे जाने वाले फल और सब्जियां लदी हुई थीं। लंबे इंतजार के कारण अब यह सारा सामान खराब हो चुका है।
चालकों को भारी नुकसान
चालक दवलेंद्र सेन, गुरविंदर सिंह और राज सिंह ने बताया कि प्रशासन की ओर से भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है। परन्तु उनके वाहनों में लदा माल पूरी तरह खराब हो गया है। इस वजह से उन्हें किराया तक नहीं मिलेगा और उन्हें लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चालकों की मांग
चालकों ने यह मांग उठाई है कि इस सड़क का रखरखाव बेहतर होना चाहिए। उनका सुझाव है कि इस मार्ग को सीमा सड़क संगठन (BRO) के हवाले कर दिया जाए। इससे भविष्य में इसकी देखभाल बेहतर तरीके से हो सकेगी और ऐसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।
प्रशासन की कार्यवाही
प्रशासन ने सभी मालवाहक वाहनों को 9 मील के पास एक खुले स्थान पर रोक दिया है। वैकल्पिक मार्ग मंडी-कटौला-कुल्लू को जल्द से जल्द बहाल करने का काम तेज गति से चल रहा है। इस मार्ग के खुलने से यातायात में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
बाजारों पर पड़ने वाला प्रभाव
स्थानीय लोगों और व्यापारियों का मानना है कि अगर मार्ग जल्द नहीं खुला तो इसका सीधा असर प्रदेश और अन्य राज्यों की मंडियों में पड़ेगा। फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होगी। इस वजह से इन वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होने की strong संभावना है।
