Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से भीषण तबाही हुई है। राज्य सरकार ने हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया है। अब तक 340 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 41 लोग लापता हैं। 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 1,334 सड़कें बंद हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने। चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में अगले 14 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है। उना, बिलासपुर और हमीरपुर में येलो अलर्ट है।
यातायात व्यवस्था चरमराई
राज्य में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 1,334 सड़कें बंद हैं। मंडी-कुल्लू में 2,000 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं। शिमला-कालका रेल सेवा 5 सितंबर तक स्थगित कर दी गई है। चंबा जिले में लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्री फंसे बताए जाते हैं। अधिकारी उन्हें सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
बुनियादी ढांचे को नुकसान
भारी बारिश से बिजली और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। पूरे प्रदेश में 2,180 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। 777 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। सिरमौर जिले में यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। भाखड़ा डैम के सभी चार गेट खोल दिए गए हैं।
शैक्षणिक संस्थान बंद
राज्य के11 जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, लाहौल-स्पीति और सोलन जिलों में शैक्षणिक गतिविधियाँ स्थगित हैं। कुल्लू जिले के बंजार, कुल्लू और मनाली उपमंडलों में भी स्कूल बंद हैं।
आर्थिक नुकसान
मॉनसून सीजन में अब तक 4,497 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 917 घर पूरी तरह ढह गए हैं। 486 दुकानें और 4,008 गौशालाएं नष्ट हो चुकी हैं। सार्वजनिक संपत्ति को 3,525 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। सेब उत्पादक किसान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं क्योंकि वे अपनी फसल बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
राहत के आसार
मौसम विभाग के अनुसार 4 सितंबर से बारिश कम होने की संभावना है। 4 से 8 सितंबर तक हल्की बारिश की भविष्यवाणी की गई है। इस दौरान किसी विशेष अलर्ट की घोषणा नहीं की गई है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
