Shimla News: हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में भारी वर्षा और आपदाओं ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 419 लोगों की मौत हो चुकी है और 45 लोग अभी भी लापता हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को आयोजित समीक्षा बैठक में राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पिछले 48 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण पांच और लोगों की जान चली गई। मंडी जिले के निहारी क्षेत्र में तीन और सदर उपमंडल के पंडोह में दो लोगों की मौत हुई। इस दौरान दो लोग लापता भी हुए हैं। मुख्यमंत्री ने जानमाल के नुकसान पर गहरी चिंता जताई।
प्रदेश में सितंबर महीने में सामान्य से 136 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। पूरे मानसून सीजन में 45 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। भारी वर्षा, बादल फटने और भूस्खलन के कारण 4582 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
संरचनाओं को भारी नुकसान
इस आपदा में 15,022 संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें 1502 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। 6467 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा 6316 गौशालाएं और 594 दुकानें भी नष्ट हो गईं। राज्य सरकार ने बेघर हुए परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है।
शहरी क्षेत्रों में बेघर हुए परिवारों को 10 हजार रुपये मासिक किराया दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावितों को पांच हजार रुपये मासिक मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किराया देने की शर्तों में ढील दी जा सकती है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाना है।
तेजी से चल रहे हैं राहत कार्य
मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों का व्यक्तिगत दौरा करने को कहा। उन्होंने राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों को शीघ्र सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के आदेश दिए गए।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क संपर्क शीघ्र बहाल करने को कहा गया। इसका उद्देश्य सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाना है। एचपीएमसी को सेब ढुलाई के लिए अतिरिक्त वाहन लगाने का निर्देश दिया गया। बागवानों को आर्थिक नुकसान से बचाना एक प्रमुख लक्ष्य है।
बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और विधायक हरदीप सिंह बावा उपस्थित थे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व केके पंत और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
