Shimla News: हिमाचल प्रदेश में तीन महीने से जारी भीषण बारिश और उससे हुई तबाही से अब राहत मिलने लगी है। मानसून के कमजोर पड़ने से शनिवार को पूरे प्रदेश में धूप निकली, जिससे लोगों को काफी राहत महसूस हुई। हालांकि मौसम में बदलाव के साथ ही सुबह-शाम ठंड बढ़ गई है।
मौसम विभाग के अनुसार अब मानसून के दो दिन में लौटने की संभावना है। इस बार मानसून 20 जून को प्रदेश में पहुंचा था और इस दौरान सामान्य से 45 प्रतिशत अधिक यानी 1025 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
तेज बारिश के कारण प्रदेश में भारी तबाही हुई है। अब तक बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं में 245 लोगों की मौत हो चुकी है। 46 लोग अभी भी लापता हैं। सरकार ने 4762 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है।
यातायात व्यवस्था पर प्रभाव
बारिश से प्रदेश की सड़क यातायात व्यवस्था अब भी बुरी तरह प्रभावित है। कुल्लू और ऊना के एक-एक राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 375 सड़कें अब भी बंद हैं। इन्हें जल्द से जल्द खोलने का काम चल रहा है।
मंडी जिले के दवाडा में एक फ्लाईओवर के पिलर में दरार आने के कारण मंडी-कुल्लू मार्ग शनिवार को पांच घंटे के लिए बंद करना पड़ा। इससे यातायात में बड़ी रुकावट पैदा हुई।
मौसम में बदलाव और स्वास्थ्य सलाह
धूप निकलने के साथ ही अब प्रदेश के कई इलाकों में सुबह और शाम के वक्त ठंड बढ़ने लगी है। इस बदलते मौसम में चिकित्सकों ने लोगों से सावधानी बरतने की सलाह दी है।
डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में अचानक आए बदलाव से खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लोगों को गर्म कपड़े पहनने और ठंड से बचने की सलाह दी जा रही है।
प्रदेश में अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सेऊबाग में तापमान में 4.8 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई जबकि नाहन में 2.3 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है।
प्रदेश में शनिवार को सबसे अधिक तापमान ऊना में 34 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने 21 से 23 सितंबर तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इससे राहत और बचाव कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।
