Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से व्यापक तबाही हुई है। मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और शिमला जैसे जिलों में हुई वर्षा के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। लाहुल घाटी में बाढ़ से रास्ते बंद हो गए। कुल्लू में भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि कई लोग लापता हैं। कई जिलों में मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पनाह लेनी पड़ी है।
कुल्लू में भूस्खलन से त्रासदी
कुल्लू के अखाड़ा बाजार इलाके में दो दिन से भूस्खलन हो रहा है। वीरवार सुबह हुए एक भूस्खलन में दो घर पूरी तरह दब गए। इन घरों में मौजूद जम्मू-कश्मीर का एक व्यक्ति मलबे में दबने से मारा गया। तीन लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से एक को एम्स बिलासपुर भेजा गया। इस हादसे में छह लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों में बुधवार को हुए भूस्खलन के दो शिकार भी शामिल हैं।
मंडी जिले में नुकसान
मंडी जिले के भंतेहड़ में एक दोमंजिला मकान पूरी तरह गिर गया। हुरंग इलाके में एक पेड़ गिरने से एक मकान पूरी तरह तबाह हो गया। जिले के विभिन्न हिस्सों में 21 मकानों में दरारें आने के कारण लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। सराज क्षेत्र के गांव कुदाड़ में भूस्खलन के चलते आठ परिवार बेघर हो गए हैं। जरोल में पांच घरों को खाली करवाया गया है।
जोगेंद्रनगर की स्थिति
उपमंडल जोगेंद्रनगर की लांगणा पंचायत स्थित कोटला गांव में छह मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा 15 से अधिक घरों और पशुशालाओं के ढहने का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। बचाव दल मौके पर तैनात हैं।
भरमौर में श्रद्धालु फंसे
भरमौर से अब तक 15,000 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला जा चुका है। लेकिन अभी भी लगभग 800 श्रद्धालु वहां फंसे हुए हैं। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य प्रभावित हुआ। वीरवार सुबह हेलीकॉप्टर की मदद से केवल 29 श्रद्धालुओं को ही एयरलिफ्ट किया जा सका। 450 श्रद्धालुओं को टैक्सियों से चंबा-भरमौर मार्ग पर स्थित दुर्गेठी के लिए रवाना किया गया।
तापमान में गिरावट
राज्य में हुई बारिश और बर्फबारी के कारण अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। नेरी में तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस, कांगड़ा में 3.3 डिग्री और हमीरपुर में 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। शिंकुला और बारालाचा दर्रे में हिमपात हुआ है। इस मौसमी बदलाव ने पूरे क्षेत्र के मौसम चक्र को प्रभावित किया है।
यातायात प्रभावित
लाहुल घाटी में नदी-नालों में आई बाढ़ के कारण कई सड़क मार्ग बंद हो गए हैं। इससे स्थानीय लोगों के सामने यातायात की बड़ी समस्या पैदा हो गई है। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए एचआरटीसी की बसों से निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की गई है। इन बसों द्वारा श्रद्धालुओं को कलसुईं से नूरपुर और पठानकोट तक पहुंचाया जा रहा है।
