Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में फोरलेन सड़क निर्माण की खामियों ने बारिश के मौसम में भारी तबाही ला दी है। अवैज्ञानिक तरीके से की गई पहाड़ कटाई से भूस्खलन हो रहा है। कई घर जमींदोज हो गए हैं। लोगों की जमीन और आवास दोनों नष्ट हो गए हैं।
किरतपुर-मंडी-मनाली और परवाणू-शिमला फोरलेन के निर्माण में गंभीर चूक हुई है। मैदानी इलाकों की तकनीक पहाड़ों पर लागू की गई। नब्बे डिग्री में पहाड़ काटे गए। इससे आसपास के इलाके अस्थिर हो गए।
लोगों पर प्रभाव
मंडी जिले के सुंदरनगर के जयराम का परिवार प्रभावित हुआ है। फोरलेन निर्माण से उनके घर में दरारें आ गईं। नेरचौक के जोगिंद्र वालिया के पुश्तैनी खेत पूरी तरह नष्ट हो गए। शिमला के भट्ठाकुफर में साढ़े चार मंजिला भवन ढह गया।
विशेषज्ञों की राय
नेशनल हाई वेविंग के मुख्य अभियंता अजय कपूर ने कम जमीन अधिग्रहण की बात मानी। जेपी यूनिवर्सिटी के डॉ. आलोक कुमार गुप्ता ने तकनीकी खामियों की पुष्टि की। सेवानिवृत्त आईएएस तरुण श्रीधर ने पहाड़ी भौगोलिकता के अनुकूल निर्माण पर जोर दिया।
केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने डीपीआर तैयार करने वाली एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया। राज्य मंत्रियों ने भी निर्माण कार्यों पर सवाल उठाए हैं। विस्तृत अध्ययन के बिना निर्माण करने से समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।
