Una News: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बांस से टूथब्रश बनाने का पहला उद्योग लगने जा रहा है। यह परियोजना राष्ट्रीय बैंबू मिशन के तहत घंडावल क्षेत्र में स्थापित की जाएगी। उद्योग विभाग ने इसके संचालन और विपणन की जिम्मेदारी महाराष्ट्र की एक निजी कंपनी को आउटसोर्स कर दी है। इस उद्योग से जिले के लगभग 500 बेरोजगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
इस उद्योग के लिए बांस की ‘एंड्रूला स्टिक’ प्रजाति का उपयोग किया जाएगा। स्थानीय भाषा में इसे ‘मगर’ कहा जाता है। महाराष्ट्र की कंपनी ने इस प्रजाति की गुणवत्ता की जांच की है और इसे टूथब्रश बनाने के लिए सर्वोत्तम पाया है। यह प्रजाति ऊना जिले में बड़े पैमाने पर पाई जाती है।
उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि विभाग ने बांस के अन्य हस्तशिल्प उत्पाद बनाने के लिए केंद्र सरकार को दो करोड़ रुपये की एक परियोजना भी भेजी है। इससे उद्योग का दायरा और बढ़ेगा।
वर्तमान में, हिमाचल में उगाए गए 90% बांस को पंजाब जैसे अन्य राज्यों में भेज दिया जाता है। इस नए उद्योग के शुरू होने से अब पूरा बांस प्रदेश में ही इस्तेमाल होगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
उद्योग विभाग की योजना आगामी दिनों में लोगों को बांस की खेती के लिए प्रोत्साहित करने की भी है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उद्योग के लिए कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को इस उद्योग को चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महाराष्ट्र की कंपनी उद्योग स्थापित करने से लेकर तैयार उत्पादों की मार्केटिंग तक का पूरा काम देखेगी। यह कंपनी पुणे में पहले से ही बांस के टूथब्रश बनाने का काम कर रही है। उनके अनुभव का लाभ हिमाचल को मिलेगा। यह पहल प्रदेश में हरित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
