Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से डुप्लीकेट दवाओं की सप्लाई का बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने हरियाणा की एक दवा कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने किसी अन्य कंपनी के लाइसेंस और बैच नंबर का इस्तेमाल कर सीएमओ लद्दाख को नकली दवाइयां भेजी थीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी गठित की गई है।
एसपी सिरमौर एनएस नेगी ने बताया कि दस नवंबर को पुलिस थाना पुरुवाला में मामला दर्ज किया गया था। यह मामला जालसाजी और ट्रेड मार्क एक्ट 1999 के तहत दर्ज किया गया है। डीएसपी पांवटा साहिब के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किया गया। टीम ने चौदह नवंबर को अंबाला में छापेमारी की।
नकली दवाओं का पूरा खेल खुला
शिकायतकर्ता नितिन गुप्ता ने एसवीआर हेल्थ केयर की ओर से आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि मैसर्ज दानिश लैब ने उनकी कंपनी का नकली लाइसेंस इस्तेमाल किया। आरोपी ने अमोक्सीसिलिन और सेफिक्सिम टैबलेट बनाकर लद्दाख भेजे। ड्रग इंस्पेक्टर ने जब इन दवाओं का परीक्षण कराया तो वह मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
जांच टीम ने अंबाला स्थित दानिश लैब का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर हेमंत ग्रोवर भी मौजूद थे। कंपनी के मालिक अनिकेत की मौजूदगी में पूरे परिसर की तलाशी ली गई। पुलिस को महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
और गिरफ्तारियों की संभावना
पुलिस का मानना है कि यह कोई अकेले व्यक्ति का काम नहीं है। इसमें और लोग शामिल हो सकते हैं। जांच टीम अन्य संभावित आरोपियों की तलाश कर रही है। दवा निरीक्षकों की टीम भी इस मामले में सहयोग कर रही है। पूरे नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह मामला दवा क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की गंभीर चुनौती को उजागर करता है। नकली दवाओं का व्यापार लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। पुलिस ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की योजना है।
दवा विभाग और पुलिस का सहयोग इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। दोनों विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। उनका लक्ष्य है कि नकली दवाओं के पूरे नेटवर्क को उजागर किया जाए। इससे जुड़े हर व्यक्ति को कानून के सामने लाया जाए।
