शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश: ग्रामीण विकास विभाग में फर्जी दस्तावेजों का खेल, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग में फर्जी दस्तावेज तैयार करने का बड़ा मामला सामने आया है। निदेशक राघव शर्मा की शिकायत पर छोटा शिमला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि विभागीय पत्रों की जालसाजी की गई और झूठे हस्ताक्षर किए गए।

शिकायत के अनुसार फर्जी मुहरों और नकली हस्ताक्षरों का इस्तेमाल हुआ है। एक फर्जी सैंक्शन ऑर्डर भी तैयार किया गया है। ये दस्तावेज ग्रामीण विकास मंत्री को भी दिखाए गए थे लेकिन बाद में ये विभागीय रिकॉर्ड में नहीं मिले।

लाहौल स्पीति से जुड़ा पुराना मामला

इसी तरह का एक मामला लाहौल स्पीति से भी सामने आया था। एसडीएम लाहौल कल्याणी गुप्ता ने अपने फर्जी हस्ताक्षर के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि सितंबर 2025 के एक सैंक्शन ऑर्डर पर उनके हस्ताक्षर पाए गए।

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जबकि उस समय वह विभाग में कार्यरत ही नहीं थीं। इस फर्जी आदेश के जरिए एक कंपनी के नाम पर 68 लाख 31 हजार 200 रुपये जारी दिखाए गए थे। उन्होंने थाना केलांग में जीरो एफआईआर दर्ज कराई जिसे बाद में शिमला स्थानांतरित कर दिया गया।

पुलिस जांच में जुटी

छोटा शिमला पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। आशंका जताई जा रही है कि आगामी दिनों में कई विभागीय कर्मचारी जांच के दायरे में आ सकते हैं। दस्तावेजी सबूतों की जांच की जा रही है।

फर्जी दस्तावेजों का पूरा सेट विभागीय प्रणाली से बाहर बैठकर तैयार किया गया था। इसमें विभाग को गुमराह करने का प्रयास किया गया। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है और जल्द ही और कार्रवाई की उम्मीद है।

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विभागीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

लगातार उजागर हो रहे इन मामलों ने ग्रामीण विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभागीय अभिलेखों की जालसाजी और बड़ी रकम के फर्जी आदेश जारी होने से चिंता बढ़ गई है।

आशंका जताई जा रही है कि यह किसी संगठित गिरोह का काम हो सकता है। विभाग की दस्तावेजी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत महसूस की जा रही है। पुलिस की जांच से और तथ्य सामने आने की उम्मीद है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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