शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश मेला: विक्रमादित्य सिंह ने देवठी मझगांव में एकादशी मेले में की शिरकत

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Himachal News: लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को सिरमौर जिले के राजगढ़ उपमंडल में देवठी मझगांव में आयोजित जिला स्तरीय एकादशी मेले में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान क्षेत्रवासियों ने उनका पारंपरिक सिरमौरी परिधान लोईया, शॉल, टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर गर्मजोशी से स्वागत किया। मंत्री को पद्मश्री विद्यानंद सरैक द्वारा लिखित अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया।

जनसभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने सभी को एकादशी मेले की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मेले और त्योहार राज्य की समृद्ध संस्कृति और पौराणिक परंपराओं का परिचायक हैं। इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं बल्कि समाज को अपनी जड़ों और संस्कृति से जोड़े रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज के भागदौड़ भरे जीवन में ऐसे मेले युवाओं को अपनी मिट्टी और परंपराओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं। इन आयोजनों में खेलकूद प्रतियोगिताओं के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वे लोक संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक होते हैं।

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सड़क निर्माण में हुई उल्लेखनीय प्रगति

सड़क निर्माण कार्यों पर बोलते हुए मंत्री ने बताया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक सड़कों का निर्माण और सुधार हुआ है। राष्ट्रीय और राज्य उच्च मार्गों के साथ-साथ ग्रामीण सड़कों के बेहतर होने से पिछले तीन वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। उन्होंने इस उपलब्धि को राज्य सरकार की एक बड़ी सफलता बताया।

विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि सिरमौर जिले में वर्तमान में 3553 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। इनमें से 2362 किलोमीटर पक्की और 1192 किलोमीटर कच्ची सड़कें शामिल हैं। जिले में 126 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया गया है। इसके अलावा 156 किलोमीटर सड़कों की मेटलिंग और टारिंग का कार्य पूरा हुआ है।

जिले में 173 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन कार्य भी किया गया है। 346 किलोमीटर सड़कों में क्रॉस ड्रेनेज कार्य पूरा किया गया है। वार्षिक रखरखाव योजना के तहत 229 किलोमीटर सड़कों की टारिंग का कार्य भी संपन्न हुआ है। ये सभी कार्य जिले के बुनियादी ढांचे को मजबूत बना रहे हैं।

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युवाओं को मिल रहा है प्लेटफॉर्म

मंत्री ने जोर देकर कहा कि ऐसे मेले युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का काम करते हैं। खेलकूद प्रतियोगिताओं के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वे लोक संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक होते हैं। इससे उनमें सामाजिक एकता और सामूहिकता की भावना का विकास होता है।

इन आयोजनों का सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है। मेले लोगों को एक साथ लाने और सामुदायिक भावना को मजबूत करने का काम करते हैं। यहां विभिन्न गतिविधियों के जरिए स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को अपनी कला प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है।

हिमाचल प्रदेश में मेले और त्योहार राज्य की सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये आयोजन पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार इन आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सके।

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