Shimla News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड को स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) से 1177.89 करोड़ रुपये की राशि वसूलनी है। यह राशि करीब दो दर्जन पनबिजली परियोजनाओं की डीपीआर, सर्वेक्षण और जांच कार्य के लिए बकाया है। सीएम ने कहा कि ब्याज दर पर सहमति न बनने के कारण वसूली लंबे समय से अटकी हुई है।
बास्पा-दो परियोजना से सबसे अधिक बकाया
मुख्यमंत्री ने बताया कि केवल बास्पा-दो पनबिजली परियोजना से ही बिजली बोर्ड को 874.69 करोड़ रुपये की वसूली होनी है। प्रदेश सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए शीर्ष वकीलों को नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट में शानन परियोजना को वापस पाने के मामले पर 17 सितंबर को सुनवाई होगी। बीबीएमबी से लंबित बकाया राशि प्राप्त करने पर 10 सितंबर को सुनवाई निर्धारित है।
जेएसडब्ल्यू कंपनी से अतिरिक्त आय की उम्मीद
सीएम सुक्खू ने बताया कि अदालती आदेश आने के बाद जेएसडब्ल्यू कंपनी से रॉयल्टी के रूप में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। बैरा स्यूल पनबिजली परियोजना 40 साल पूरे कर चुकी है। इसलिए इसे राज्य सरकार को सौंपने के लिए नोटिस जारी किया गया है। यह मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में लंबित है।
लीज डीड राशि जमा नहीं करने का मामला
विधायक केवल सिंह पठानिया ने सवाल उठाया कि कई पनबिजली परियोजनाओं ने लीज डीड की राशि जमा नहीं करवाई है। शाहपुर क्षेत्र की 12 परियोजनाओं ने अब तक 4.27 करोड़ रुपये जमा नहीं किए हैं। सरकार ने इन मामलों की जांच और वसूली के लिए कदम उठाए हैं।
ज्वालाजी नगर परिषद को जमीन ट्रांसफर
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ज्वालाजी नगर परिषद को आठ कनाल जमीन ट्रांसफर कर दी जाएगी। यह तभी संभव होगा जब वह क्षेत्र नगर परिषद सीमा में आता हो और कोई अन्य अड़चन न हो। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नई बनी नगर निकायों को पंचायतों से जमीन ट्रांसफर करवाना सरकार का दायित्व है। ज्वालाजी के सौंदर्यीकरण का कार्य तेज गति से पूरा किया जाएगा।
