Himachal News: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और अभियंताओं के संयुक्त मोर्चा ने सरकार की एक अधिसूचना को चुनौती दी है। 9 जून 2025 को जारी इस अधिसूचना के तहत हिमाचल प्रदेश एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर को बिजली की खरीद-बिक्री और अन्य कार्य दिए गए हैं। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इससे बिजली बोर्ड और एचपीएसएलडीसी के क्षेत्राधिकार का हनन हो रहा है।
अदालत ने जारी किए नोटिस
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं। अदालत ने अगली सुनवाई से पहले जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।
याचिका में मुख्य तर्क
याचिका में कहा गया है कि एनर्जी मैनेजमेंट सेंटर की वजह से ग्रिड का काम प्रभावित होगा। इससे उपभोक्ताओं को बिजली देने में असमर्थता होगी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि रेगुलेटरी कमीशन और इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 इसकी इजाजत नहीं देता।
संबंधित संस्थाएं
याचिका में राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग, राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और हिमाचल प्रदेश ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड को प्रतिवादी बनाया गया है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर और हिमाचल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटर कमिशन भी प्रतिवादियों में शामिल हैं।
अगली सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। अदालत ने कहा कि याचिका का अंतिम फैसला आने तक कोई भी कार्रवाई कोर्ट के आदेशों के अंतिम निर्णय के अधीन होगी। इस बीच सभी पक्षों को अपने-अपने जवाब दाखिल करने होंगे।
