Himachal News: हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त अनिल खाची ने शुक्रवार सुबह राज्यपाल से भेंट की। उन्होंने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला को पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों की चुनाव प्रक्रिया की पूरी रिपोर्ट दी। इस दौरान उन्होंने जिला उपायुक्तों द्वारा अपनाई जा रही असहयोग की नीति के बारे में भी जानकारी साझा की। पंचायत चुनाव 31 जनवरी तक करवाए जाने हैं।
आयुक्त ने मुख्य सचिव और सचिव ग्रामीण विकास विभाग से हुई अपनी बातचीत के बारे में भी राज्यपाल को अवगत कराया। अभी तक पंचायत और शहरी निकायों का आरक्षण रोस्टर जारी नहीं हुआ है। जिला उपायुक्तों ने चुनाव सामग्री को भी नहीं उठाया है। मतदाता सूची को भी अधिसूचित नहीं किया गया है।
चुनाव प्रक्रिया में देरी
पंचायत चुनाव की तैयारियां अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। आरक्षण रोस्टर के जारी न होने से प्रक्रिया अटकी हुई है। जिला प्रशासन ने चुनाव सामग्री को अभी तक नहीं उठाया है। मतदाता सूची की अधिसूचना भी बाकी है। इन सभी मुद्दों पर आयुक्त ने राज्यपाल को विस्तृत जानकारी दी।
राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया को समय पर पूरा करना चाहता है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कुछ बाधाएं आ रही हैं। आयुक्त ने इन बाधाओं के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। इस बैठक का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को गति देना है।
प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात
अनिल खाची ने हाल ही में मुख्य सचिव और सचिव ग्रामीण विकास से मुलाकात की थी। इन बैठकों में चुनाव तैयारियों पर चर्चा हुई थी। उन्होंने इन बैठकों के परिणामों के बारे में भी राज्यपाल को बताया। विभागीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने की कोशिश जारी है।
राज्यपाल से यह बैठक चुनाव प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। संवैधानिक प्रमुख के रूप में राज्यपाल इस मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं। आयुक्त ने सभी जरूरी जानकारी राज्यपाल के सामने रख दी है। अब आगे की कार्रवाई राज्यपाल के निर्देशों पर निर्भर करेगी।
चुनाव की वर्तमान स्थिति
31 जनवरी तक पंचायत चुनाव करवाए जाने का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक की प्रगति इस लक्ष्य के अनुरूप नहीं दिख रही है। आरक्षण रोस्टर जारी होना बाकी है। चुनाव सामग्री का वितरण नहीं हुआ है। मतदाता सूची का अंतिम रूप भी तैयार नहीं हुआ है।
राज्य निर्वाचन आयोग इन सभी मुद्दों को हल करना चाहता है। आयुक्त ने राज्यपाल को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया है। चुनाव प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। प्रशासनिक सहयोग मिलने पर चुनाव समय पर संपन्न हो सकते हैं।
