शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग: अब मोबाइल ऐप से लगेगी गैर शिक्षक कर्मचारियों की हाजिरी, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की हाजिरी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से लगेगी। स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने इस संबंध में संशोधित आदेश जारी किए हैं। नए निर्देशों के अनुसार सभी गैर-शिक्षक कर्मचारियों को सुबह 10 बजे तक स्विफ्ट-चैट पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना अनिवार्य होगा। प्रधानाचार्यों को 10:30 बजे तक सभी कर्मचारियों की उपस्थिति रिपोर्ट जमा करनी होगी।

यह नया सिस्टम ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन दोनों प्रकार के स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा। विभाग ने सभी उपनिदेशकों को निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश को अपने अधीनस्थ सभी स्कूलों तक तुरंत पहुंचाएं। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि हर स्कूल में इसका पालन सख्ती से हो रहा है। लापरवाही बरतने वाले स्कूल प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पहले के आदेश में क्या था अंतर?

इससे पहले 25 सितंबर को जारी आदेश में ग्रीष्मकालीन स्कूलों के लिए 9:30 बजे और शीतकालीन स्कूलों के लिए 10:30 बजे तक हाजिरी लगाने का प्रावधान था। उस आदेश में शिक्षकों और गैर-शिक्षक दोनों के लिए एक ही समय निर्धारित किया गया था। नए संशोधित आदेश में गैर-शिक्षक कर्मचारियों के लिए अलग से 10 बजे की डेडलाइन तय की गई है। इस बदलाव से हाजिरी प्रक्रिया में और स्पष्टता आएगी।

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शिक्षा विभाग का मानना है कि डिजिटल हाजिरी प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे अनावश्यक देरी और गड़बड़ी पर भी अंकुश लगेगा। निदेशक आशीष कोहली ने जोर देकर कहा है कि इन आदेशों का पालना तुरंत और पूर्ण रूप से किया जाए। उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इसकी निगरानी का दायित्व सौंपा है।

कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?

स्विफ्ट-चैट और वीएसके पोर्टल के माध्यम से हाजिरी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी। गैर-शिक्षक कर्मचारियों को सुबह 10 बजे के पहले अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इसके बाद स्कूल प्रधानाचार्य या मुख्याध्यापक को 10:30 बजे तक सभी कर्मचारियों की संयुक्त रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी जिला स्तर के अधिकारी करेंगे।

नए आदेश का उद्देश्य स्कूलों में अनुशासन और समय पालन को बढ़ावा देना है। डिजिटल सिस्टम से छुट्टियों और उपस्थिति के रिकॉर्ड भी आसानी से बनाए रखे जा सकेंगे। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के लिए समान रूप से लागू होगी। किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी।

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लापरवाही पर क्या होगी कार्रवाई?

शिक्षा निदेशक ने चेतावनी दी है कि उपस्थिति दर्ज करने में कोताही बरतने वाले स्कूल प्रमुखों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। विभाग की ओर से निरीक्षण दल भी गठित किए जा सकते हैं जो स्कूलों का औचक निरीक्षण कर सकते हैं।

यह कदम शिक्षा विभाग की डिजिटल पहल का हिस्सा है। पोर्टल के माध्यम से हाजिरी दर्ज करने से मैनुअल रिकॉर्ड में होने वाली त्रुटियों में कमी आएगी। साथ ही कर्मचारियों की उपस्थिति पर वास्तविक समय में नजर रखी जा सकेगी। इससे स्कूलों के प्रशासनिक कामकाज में दक्षता आने की उम्मीद है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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