Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड राज्य के हजारों छात्रों का व्यापक डेटा ऑनलाइन उपलब्ध कराने जा रहा है। इसके लिए होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों के शैक्षणिक, स्वास्थ्य और अन्य गतिविधियों का रिकॉर्ड इस कार्ड में शामिल होगा। यह डेटा एक क्लिक से हासिल किया जा सकेगा।
देश का पहला बोर्ड बनने की ओर हिमाचल
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड इस पहल के साथ एक उपलब्धि हासिल करेगा। वह सेकेंडरी स्तर का ऐसा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध कराने वाला देश का पहला बोर्ड बन जाएगा। इससे राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित होगा। बोर्ड का यह कदम डिजिटल पहल को बढ़ावा देने वाला साबित होगा।
कई चरणों में तैयार होंगे प्रोग्रेस कार्ड
इन होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड को तैयार करने का काम एक स्तर पर नहीं किया जाएगा। इस प्रक्रिया को अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा। इससे डेटा को सटीक और व्यवस्थित तरीके से एकत्रित करने में मदद मिलेगी। प्रत्येक चरण में विशिष्ट जानकारी को कार्ड में जोड़ा जाएगा।
छात्रों का संपूर्ण डेटा होगा शामिल
होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड में छात्रों की विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी। इनमें शैक्षणिक performance, पर्यावरण संबंधी जागरूकता और खेलकूद गतिविधियों का डेटा शामिल है। साथ ही छात्रों के स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड भी इसमें फीड किए जाएंगे। इसका उद्देश्य छात्र के समग्र विकास पर नजर रखना है।
विषयवार अंकों का विश्लेषण संभव
इस प्रणाली के तहत छात्रों के नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विषयवार अंकों को भी अपलोड किया जाएगा। इस डेटा के विश्लेषण से यह पता चल सकेगा कि कोई छात्र किस विषय में कमजोर है। साथ ही यह भी जानकारी मिलेगी कि वह किस विषय में और बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
निजी और सरकारी स्कूलों के छात्रों का डेटा
यह प्रोग्रेस कार्ड राज्य के सभी निजी और सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए तैयार किए जाएंगे। इन कार्ड्स में हर छात्र की हर गतिविधि को अंकित किया जाएगा। बोर्ड का लक्ष्य हर छात्र के बारे में एक पारदर्शी और पूरी जानकारी उपलब्ध कराना है। इस डेटा को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रखा जाएगा।
सचिव ने दी जानकारी
स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने इस योजना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि छात्रों के स्वास्थ्य का डेटा भी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इस डेटा तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। यह प्रणाली शिक्षा के क्षेत्र में एक नया बदलाव लाएगी।
