Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने राज्य के 294 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई स्कूलों द्वारा बोर्ड का पाठ्यक्रम न पढ़ाने के कारण की गई है। मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ाना अनिवार्य है। इन स्कूलों ने दूसरे प्रकाशकों की किताबें पढ़ाकर नियमों का उल्लंघन किया।
प्रदेश में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के करीब 1,400 निजी स्कूलों को बोर्ड से मान्यता प्राप्त है। बोर्ड ने हाल ही में सभी स्कूलों से पुस्तक खरीद के बिल मंगवाए थे। जांच में 294 स्कूल ऐसे पाए गए जो अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें उपयोग कर रहे थे।
जांच में खुलासा
बोर्ड ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों से छात्रों के लिए खरीदी गई पुस्तकों के बिल मांगे थे। इस जांच के दौरान 294 स्कूल ऐसे सामने आए जिन्होंने अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदी थीं। बोर्ड ने नियमों का उल्लंघन करने वाले इन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
शिक्षा बोर्ड के मुताबिक निजी स्कूलों को मान्यता देते समय एक अनुबंध किया जाता है। इस अनुबंध के तहत स्कूल बोर्ड की किताबें ही पढ़ाएंगे। इसके बावजूद स्कूलों ने तय नियमों का उल्लंघन किया। बोर्ड ने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की है।
बोर्ड अधिकारी ने दिया बयान
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने इस मामले में बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए बोर्ड की पुस्तकें पढ़ाना अनिवार्य है। प्रदेश के 294 स्कूल बोर्ड का पाठ्यक्रम नहीं पढ़ा रहे थे।
इसी कारण उनकी मान्यता रद्द कर दी गई है। बोर्ड ने यह निर्णय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लिया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षा के मानकों को बनाए रखना है। सभी स्कूलों को बोर्ड के नियमों का पालन करना होगा।
शिक्षा मानकों की बात
मान्यता रद्द होने के बाद अब इन स्कूलों के छात्रों का भविष्य अनिश्चितता में है। बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ना जरूरी है। प्रशासन ने अभी तक इन छात्रों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बताई है।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बोर्ड की यह कार्रवाई सही है। इससे शिक्षा के मानकों को बनाए रखने में मदद मिलेगी। सभी स्कूलों के लिए एक समान पाठ्यक्रम होना छात्रों के हित में है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
स्कूल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
मान्यता रद्द किए गए स्कूलों के प्रबंधन की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कुछ स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि वे बोर्ड से बातचीत कर स्थिति सुलझाने का प्रयास करेंगे। वे मान्यता बहाल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
शिक्षा बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन करने वाले स्कूलों के साथ कोई समस्या नहीं है। केवल उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया। बोर्ड भविष्य में भी ऐसी जांच करता रहेगा।
