Shimla News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने को लेकर गहन चर्चा हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने संसाधनों में वृद्धि और खर्चों में कटौती के सुझाव दिए। अधिकारियों पर सरकारी संसाधनों, खासकर वाहनों के दुरुपयोग का आरोप लगा। वित्तीय अनुशासन और राजस्व बढ़ाने पर सदन का फोकस रहा।
अधिकारियों पर गाड़ियों के दुरुपयोग का आरोप
भाजपा विधायक दीपराज ने कहा कि सरकारें बदलती रहती हैं, लेकिन अधिकारी स्थायी होते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य की स्थिति खराब होने पर अधिकारी क्या कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने अधिकारियों पर सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने चंडीगढ़ में एक अधिकारी की गाड़ी के बेमतलब घूमने का उदाहरण दिया।
मुख्यमंत्री ने योजनाओं के परिणामों का दावा किया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया कि पिछले ढाई साल में बनाई गई योजनाएं अब जमीन पर उतर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि खाली पड़े स्कूलों को बंद करना एक समझदारी भरा फैसला है।
राज्य पर भारी कर्ज और राजस्व घाटे की चिंता
भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने राज्य की कमजोर आर्थिक स्थिति की ओर ध्यान खींचा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पर 1.12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। राज्य का राजस्व घाटा 5558 करोड़ रुपये है। उन्होंने राजस्व व्यय अधिक और आय कम होने पर चिंता जताई।
सिक्किम मॉडल और निगम बंद करने का सुझाव
कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि राज्य का कर्ज भारत सरकार पर भी भारी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की आय का 70% वेतन और पेंशन पर खर्च होता है। उन्होंने घाटे वाले निगमों को बंद करने का सुझाव दिया। साथ ही सिक्किम मॉडल की तरह लाटरी और कैसिनो खोलने का प्रस्ताव रखा।
पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र पर जोर देने की अपील
कांग्रेस विधायक राम कुमार ने रोपवे और पर्यटन क्षेत्र के विकास पर जोर देने की बात कही। उन्होंने पूर्व सरकार की औद्योगिक नीति पर सवाल उठाए। कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने ऊर्जा, पर्यटन और कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि कर्ज ने ही हिमाचल के विकास में अहम भूमिका निभाई है।
